
AMN / BIZ DESK
लगातार आठ सत्रों की गिरावट के बाद बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों में जोरदार उछाल देखने को मिला। वित्तीय और ऑटोमोबाइल शेयरों की मजबूती से निवेशकों का भरोसा लौटा। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने प्रमुख नीतिगत दरों को स्थिर रखने का फैसला किया, जिससे निवेशकों को मुद्रास्फीति के मोर्चे पर राहत का संकेत मिला।
बीएसई सेंसेक्स 715 अंकों की छलांग लगाकर 80,983 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 210 अंक चढ़कर 24,836 पर पहुँचा। व्यापक बाजारों में भी तेजी रही और निफ्टी मिडकैप 100 तथा स्मॉलकैप 100 दोनों सूचकांक हरे निशान पर बंद हुए।
बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में दमदार बढ़त
सबसे अधिक तेजी बैंकिंग और वित्तीय सेवा कंपनियों में देखी गई। निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.3% चढ़ा, जिसमें एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे निजी क्षेत्र के दिग्गज अग्रणी रहे। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) में भी खरीदारी देखी गई और श्रीराम फाइनेंस तथा बजाज फाइनेंस मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए।
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई का तटस्थ रुख और बॉन्ड यील्ड में नरमी ने संकेत दिया है कि निकट भविष्य में उधारी की लागत स्थिर रह सकती है, जो बैंकों और क्रेडिट आधारित व्यवसायों के लिए सकारात्मक है।
त्योहारी मांग से ऑटो सेक्टर रफ्तार पर
ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी शानदार प्रदर्शन किया और निफ्टी ऑटो इंडेक्स लगभग 1.5% चढ़ा। टाटा मोटर्स में 5% से अधिक की उछाल आई, जबकि मारुति सुज़ुकी और महिंद्रा एंड महिंद्रा में भी मजबूती दिखी। त्योहारी सीजन की मांग और इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो को लेकर निवेशकों का उत्साह इस तेजी की वजह रहा।
आईटी और पीएसयू बैंकों का मिला-जुला प्रदर्शन
आईटी शेयरों में चुनिंदा खरीदारी हुई, जिसमें टेक महिंद्रा ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि, संपूर्ण आईटी इंडेक्स दबाव में रहा क्योंकि वैश्विक सॉफ्टवेयर मांग को लेकर निवेशकों में सतर्कता बनी हुई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSU Banks) दिन के सबसे कमजोर खिलाड़ी साबित हुए और उनका सूचकांक लगभग 0.5% गिरा। विश्लेषकों का कहना है कि एसेट क्वालिटी और कमजोर तिमाही परिणाम की आशंकाओं ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
आगे की दिशा: IPO और वैश्विक संकेत अहम
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां सहयोगी रहीं तो यह उछाल आगे भी जारी रह सकती है। साथ ही, आने वाले दिनों में कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ लॉन्च होने वाले हैं, जिससे बाजार में नई तरलता (Liquidity) आने की उम्मीद है।
हालांकि, अमेरिकी सरकार के शटडाउन और फेडरल रिज़र्व की नीति को लेकर अनिश्चितता बाजार में उतार-चढ़ाव बनाए रख सकती है।
फिलहाल, बुधवार की यह तेजी निवेशकों के लिए राहत का संकेत है और घरेलू बैंकों व उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों से आने वाले हफ्तों में बाजार को गति मिलने की संभावना है।
