सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार दबाव में रहे। आईटी, मेटल और ऑटो सेक्टर में व्यापक बिकवाली के चलते बेंचमार्क इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशकों का रुख सतर्क बना रहा क्योंकि वे मार्च 2025 तिमाही के अंतिम कॉर्पोरेट नतीजों, Q4 GDP आंकड़ों, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ उपायों से जुड़े वैश्विक व्यापार घटनाक्रमों पर नज़र बनाए हुए हैं।

बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 182.01 अंकों या 0.22% की गिरावट के साथ 81,451.01 पर बंद हुआ। दिनभर यह इंडेक्स 81,698.21 के उच्चतम और 81,286.45 के न्यूनतम स्तर पर कारोबार करता रहा।

एनएसई निफ्टी50 भी 82.90 अंकों या 0.33% की गिरावट के साथ 24,750.70 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 24,863.95 का उच्च और 24,717.40 का निम्न स्तर छुआ।

निफ्टी50: टॉप गेनर्स और लूजर्स

  • टॉप गेनर्स में Eternal, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक, लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और डॉ. रेड्डीज लैब्स शामिल रहे, जिनमें 0.22% से लेकर 4.98% तक की बढ़त दर्ज की गई।
  • टॉप लूजर्स में बजाज ऑटो, हिंडाल्को, श्रीराम फाइनेंस, HCL टेक और टेक महिंद्रा शामिल रहे, जिनमें 1.69% से लेकर 3.10% तक की गिरावट देखी गई।

सेक्टोरल परफॉर्मेंस

  • निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 2.88% की बढ़त दर्ज की, जिसमें महाराष्ट्र बैंक और यूको बैंक प्रमुख लाभार्थी रहे।
  • निफ्टी आईटी और निफ्टी मेटल इंडेक्स शुक्रवार को 1% से अधिक की गिरावट के साथ सबसे ज्यादा कमजोर सेक्टर साबित हुए।
  • निफ्टी ऑटो इंडेक्स भी 0.98% फिसल गया।
  • वहीं, निफ्टी मीडिया और चुनिंदा फाइनेंशियल सर्विसेस इंडेक्स को छोड़कर, NSE के अधिकांश सेक्टरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।

मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट

  • निफ्टी मिडकैप100 और निफ्टी स्मॉलकैप100 क्रमशः 0.06% और 0.03% की मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार की चौड़ाई और पूंजीकरण

  • बाजार की समग्र स्थिति नकारात्मक रही, जहां NSE पर लिस्टेड 2,955 शेयरों में से 1,581 शेयरों में गिरावट, जबकि 1,299 शेयरों में तेजी और 75 शेयर अपरिवर्तित रहे।
  • NSE में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 5.17 ट्रिलियन डॉलर रहा।

वैश्विक घटनाक्रम पर निवेशकों की नजर

निवेशकों की नजर अब Q4FY25 के GDP आंकड़ों और डोनाल्ड ट्रंप की नई 15% टैरिफ नीति पर टिकी हुई है, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं। अमेरिका में कोर्ट के हालिया फैसले के बाद ट्रंप प्रशासन 150 दिनों के लिए टैरिफ लागू करने की योजना ‘प्लान B’ पर काम कर रहा है, जिसका असर वैश्विक व्यापार और भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है।