अरुण श्रीवास्तव


मधुमेह आज भारत के आम लोगों के लिए एक आम हो गया है। आज यह इतना अधिक विस्तारित हो गया है कि भारत को कभी—कभी मधुमेह की राजधानी भी कहा जाने लगा है। आईए इस लेख में जानते हैं इस राजरोग के बारे में।

मधुमेह (डायबिटीज़) एक लंबे समय तक चलने वाला रोग है, जिसके लिए रक्त शर्करा के स्तर का सावधानीपूर्वक प्रबंधन आवश्यक होता है। इसमें आहार की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। प्राकृतिक रूप से जब मधुमेह को नियंत्रित किया जाता है, तो पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ रक्त ग्लूकोज़ को स्थिर रखने, जटिलताओं के जोखिम को कम करने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। उच्च फाइबर, स्वस्थ वसा तथा आवश्यक विटामिन और खनिजों से युक्त भोजन लेने से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है और शरीर में ऊर्जा का स्तर स्थिर रहता है। आमतौर पर ऐसे खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे रक्त शर्करा में अचानक वृद्धि नहीं होती, जो मधुमेह नियंत्रण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

सही पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों को दैनिक आहार में शामिल करने से न केवल रक्त शर्करा नियंत्रित रहती है, बल्कि हृदय स्वास्थ्य में भी सुधार होता है, क्योंकि मधुमेह रोगियों में हृदय रोग का खतरा अधिक रहता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हरी सब्जियाँ, प्रोटीन से भरपूर दालें और हृदय के लिए लाभकारी मेवे ऐसे पोषण प्रदान करते हैं, जिससे दवाओं पर अत्यधिक निर्भर हुए बिना मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। मैक्स हेल्थकेयर की क्षेत्रीय डायटेटिक्स प्रमुख ऋतिका समद्दार ने बताया कि मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन के लिए संतुलित जीवनशैली और संतुलित आहार सबसे महत्वपूर्ण हैं।