Welcome to The Indian Awaaz   Click to listen highlighted text! Welcome to The Indian Awaaz

अंदलीब अख़्तर |

भारत में 2025 के खरीफ सीज़न के लिए बुवाई में हल्की लेकिन सकारात्मक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 13 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक खरीफ फसलों की कुल बुवाई 89.29 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो कि 2024 की 87.81 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.48 लाख हेक्टेयर अधिक है।

इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं: कुछ क्षेत्रों में बेहतर मानसून की शुरुआत, बाज़ार में स्थिर कीमतें और सरकार की सहायता योजनाओं ने किसानों को उत्साहित किया है। मंत्रालय की रिपोर्ट में विभिन्न फसलों के तहत बुवाई क्षेत्र का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।

धान और दलहन में तेज़ी से वृद्धि

धान की बुवाई में उत्साहजनक बढ़ोतरी हुई है। अब तक 4.53 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हो चुकी है, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 4.00 लाख हेक्टेयर था। यह 0.53 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि यह अभी भी सामान्य औसत क्षेत्र 403.09 लाख हेक्टेयर से बहुत कम है, पर शुरुआती आंकड़े सकारात्मक संकेत दे रहे हैं।

दलहन की बुवाई भी बढ़ी है—3.07 लाख हेक्टेयर, जो पिछले साल के 2.60 लाख हेक्टेयर से 0.47 लाख हेक्टेयर अधिक है। विशेष रूप से उड़द और मूंग में वृद्धि दर्ज की गई है—क्रमशः 0.24 लाख हेक्टेयर और 0.17 लाख हेक्टेयर। वहीं, अरहर की बुवाई में 0.11 लाख हेक्टेयर की मामूली गिरावट दर्ज हुई है।

मोटे अनाज और तिलहन में मिश्रित रुझान

मोटे अनाज के तहत बुवाई 5.89 लाख हेक्टेयर रही, जो 2024 के 5.90 लाख हेक्टेयर से थोड़ी कम है। हालांकि बाजरा की बुवाई में बड़ा उछाल आया है—सिर्फ 0.03 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.86 लाख हेक्टेयर हो गई। इसके उलट, मक्का और रागी में क्रमशः 0.68 लाख हेक्टेयर और 0.29 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई है।

तिलहनों के क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि दर्ज हुई—2024 के 1.50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.05 लाख हेक्टेयर हो गया। इसमें सोयाबीन की बुवाई सबसे ज़्यादा—0.66 लाख हेक्टेयर—बढ़ी। वहीं, मूंगफली में 0.13 लाख हेक्टेयर की कमी आई।

गन्ना स्थिर, कपास और जूट में कमी

गन्ना की बुवाई इस साल भी स्थिर बनी हुई है—55.07 लाख हेक्टेयर, जो पिछले साल के 54.88 लाख हेक्टेयर से थोड़ी अधिक है। वहीं, कपास और जूट व मेस्ता में 0.09 लाख हेक्टेयर और 0.17 लाख हेक्टेयर की क्रमशः कमी दर्ज की गई है।

सरकारी निगरानी और कृषि नीति

मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसलों का सामान्य औसत बुवाई क्षेत्र 1096.64 लाख हेक्टेयर है (2019-20 से 2023-24 के औसत के आधार पर)। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि इस वर्ष की खरीफ बुवाई की शुरुआत स्थिर और सकारात्मक रही है। सरकार मॉनसून की प्रगति और फसलों की स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है ताकि किसान हित में उचित नीतियां लागू की जा सकें।

Click to listen highlighted text!