
ढाका से / ज़ाकिर हुसैन
दुर्गा पूजा के त्योहार नज़दीक आते ही हजारों बांग्लादेशी नागरिक भारत की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस पर्व को मनाने के साथ-साथ यहां की भव्य पूजा व्यवस्थाओं का हिस्सा बन सकें। सीमा पार आने वालों की बढ़ती भीड़ के चलते बेनापोल, आगरतला-अखौरा और अन्य बड़े स्थलीय बॉर्डर पॉइंट्स पर लंबी कतारें देखी गईं, जहाँ यात्री इमीग्रेशन क्लियरेंस का इंतज़ार कर रहे थे।
बेनापोल लैंड पोर्ट अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में यात्रियों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है। एक वरिष्ठ इमीग्रेशन अधिकारी ने कहा, “हर दिन लगभग 12 से 15 हज़ार लोग भारत में प्रवेश कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदू अपने रिश्तेदारों के साथ पूजा मनाने आ रहे हैं।”
परिवार से मिलने के अलावा, कई बांग्लादेशी हिंदू विशेष तौर पर कोलकाता और अन्य भारतीय शहरों की भव्य दुर्गा पूजा देखने आते हैं। यहाँ सदियों पुरानी परंपरा के तहत विशाल पंडाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रंगारंग शोभा यात्राएँ आकर्षण का केंद्र होती हैं।
ढाका की ट्रैवल एजेंसियों ने बताया कि कोलकाता जाने वाली बसों और उड़ानों के टिकट हफ्तों पहले ही बिक गए थे। एक प्रमुख ट्रैवल एजेंसी के ऑपरेटर ने कहा, “इस साल मांग ज़बरदस्त रही। अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करनी पड़ी।”
भारतीय अधिकारियों ने सीमा पार बढ़ती आवाजाही को देखते हुए पेट्रापोल, अगरतला और अन्य प्रवेश बिंदुओं पर इमीग्रेशन सेवाओं को तेज़ और सुचारु बनाने के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी मज़बूत की गई है।
कई बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए यह यात्रा धार्मिक होने के साथ-साथ भावनात्मक भी है। खुलना की यात्री सुजाता रॉय ने बेनापोल क्रॉसिंग पर इंतज़ार करते हुए कहा, “हर साल हम दुर्गा पूजा पर अपने पुश्तैनी घर पश्चिम बंगाल आते हैं। यह हमारी जड़ों से जुड़ने का समय होता है।”
