नई दिल्ली
शंभू बाॅर्डर पर बैठे किसान मंगलवार को दिल्ली कूच नहीं करेंगे। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि कल आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। किसान शुक्रवार और रविवार को आगे बढ़ने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन दोनों ही बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़ी याचिका को किया खारिज
वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने किसानों से शंभू बॉर्डर पर हाईवे खाली करवाने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि मामला पहले ही विचाराधीन है। एक ही मुद्दे पर बार-बार याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता। याचिका में पंजाब में उन राजमार्गों से अवरोधकों को हटाने के लिए केंद्र और अन्य प्राधिकारों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने याचिकाकर्ता गौरव लूथरा से कहा कि बार-बार याचिकाएं दायर मत कीजिए। अदालत ने याचिका को लंबित मामले के साथ जोड़ने के लूथरा के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा व पंजाब पुलिस प्रशासन ने किसानों की केंद्र के साथ मांगों को लेकर बातचीत कराने के लिए एक दिन का समय मांगा था, इसलिए फिलहाल बातचीत का न्योता आने का इंतजार किया जा रहा है। मंगलवार को दोनों फोरमों की ओर से बैठक करके बॉर्डरों के मौजूदा हालात, मौसम व घायल किसानों की हालत को मद्देनजर रखकर दिल्ली कूच को लेकर फैसला लिया जाएगा। पंधेर ने साफ किया कि किसान भागने वाले नहीं हैं, बल्कि सरकार को भगाएंगे।
उधर इसी बीच एक बड़े एलान के तहत खन्नौरी बॉर्डर पर मंगलवार को किसानों की ओर से सामूहिक भूख हड़ताल करने का एलान किया गया है। सोमवार को किसान नेता काका सिंह कोटडा ने मंच से यह एलान करते कहा कि डल्लेवाल का सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। उनका वजन करीब 9 किलो कम हो गया है। वह काफी कमजोरी महसूस कर रहे हैं। चक्कर आते रहते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक डल्लेवाल के लीवर फंक्शन टेस्ट खराब आ रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि अगर डल्लेवाल ने जल्द आमरण अनशन समाप्त भी कर दिया, तो भी डल्लेवाल के शरीर के अंदरूनी अंगों पर इस आमरण अनशन का जो बुरा प्रभाव पड़ा है, वह कभी खत्म नहीं होगा।
किसान नेता कोटड़ा ने कहा कि खन्नौरी बॉर्डर पर जिन नजदीकी गांवों या गुरुघरों से लंगर आता है, वहां संदेश भेजा गया है कि मंगलवार को लंगर लेकर न आएं। इसके साथ ही खन्नौरी बॉर्डर पर भी लंगर नहीं बनेगा। डल्लेवाल सोमवार को नहाए नहीं और न ही गुरु घर गए। मंच पर भी नहीं आ सके। इसलिए अपने नेता की इस हालत में बाकी किसान कैसे लंगर छक सकते हैं। इसलिए सामूहिक भूख ह़ड़ताल का फैसला लिया है और इसके जरिये केंद्र सरकार के खिलाफ भी रोष जताया जाएगा।
दिलबाग सिंह की हालत ठीक नहीं
पंधेर ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शंभू बॉर्डर पर लगातार हरियाणा पुलिस व सुरक्षा बलों की ओर से किसान नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली कूच करने गए जत्थे में शामिल किसान नेता सुरजीत सिंह फूल को घायल किया गया। वहीं रविवार को रेस्क्यू टीम में शामिल किसान नेता दिलबाग सिंह को घायल किया गया। दिलबाग सिंह की हालत ठीक नहीं है और उन्हें इमरजेंसी में शिफ्ट किया जा रहा है।
किसान पीछे हटने वाले नहीं: पंधेर
पंधेर ने कहा कि केंद्र के मंत्री आए दिन उल्टे सीधे बयान देते रहते हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार ने लोगों में अपना विश्वास खो दिया है। हरियाणा व पंजाब पुलिस प्रशासन ने किसानों से समय मांगा था, उन्हें दे दिया। अब अगर बातचीत का न्योता आता है, तो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर नहीं आता है, तो फिर मंगलवार को दोनों फोरमों की ओर से बैठक में विचार करने के बाद दिल्ली कूच पर फैसला लिया जाएगा। किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। हर हाल में अपनी मांगों को केंद्र से मनवा कर ही रहेंगे। पंधेर ने पंजाब के सभी गायकों व प्रसिद्ध शख्सियतों से बॉर्डरों पर अपनी मांगों को लेकर महीनों से बैठे किसानों के हक में आगे आकर आवाज बुलंद करने की अपील भी की।
राजनीति भी तेज
किसान आंदोलन पर पंजाब में राजनीति भी तेज हो गई है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि किसान बस यही मांग रहे हैं कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी दी जाए। लेकिन केंद्र का व्यवहार ठीक नहीं है। किसानों पर लाठीचार्ज हो रहा है और उन्हें दिल्ली नहीं जाने दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने भी एमएसपी पर कानूनी गारंटी का मामला उठाया है। अगर हमें मौका मिला तो हम संसद में शून्यकाल या प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे। कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां कॉरपोरेट समर्थक और किसान विरोधी हैं। हमें उनसे कोई उम्मीद और अपेक्षा नहीं है। वहीं पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि केंद्र सरकार को आगे आकर किसानों से बात करनी चाहिए।