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दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह पर्यावरणीय लक्ष्यों से पीछे नहीं हट रही, लेकिन तकनीकी सीमाओं, व्यवहारिक चुनौतियों और NCR समन्वय की कमी के चलते, आदेश संख्या 89 को तत्काल लागू करना उचित नहीं है। सरकार ने CAQM से इस आदेश को फिलहाल स्थगित करने की मांग की है, ताकि बेहतर योजना और तैयारियों के साथ इसे भविष्य में प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

AMN / NEW DELHI


दिल्ली सरकार ने राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावित आदेश से फिलहाल पीछे हटने का फैसला लिया है। यह आदेश 1 जुलाई 2025 से लागू होना था, लेकिन सरकार ने अब इसे “अव्यवहारिक और जल्दबाज़ी” करार देते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से आदेश संख्या 89 को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का अनुरोध किया है।

सरकार ने क्या कहा?
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्पष्ट किया कि सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके साथ-साथ वह राजधानी के लोगों की व्यवहारिक समस्याओं की भी अनदेखी नहीं कर सकती। सिरसा ने कहा,

“हम दिल्ली के पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचने देंगे, लेकिन लोगों के वाहनों की जब्ती या रोजमर्रा के जीवन में बाधा भी नहीं आने देंगे।”

प्रमुख कारण: ANPR प्रणाली की तकनीकी अक्षमता

सरकार ने आयोग को भेजे गए पत्र में बताया कि ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) प्रणाली अभी पूरी तरह सक्षम नहीं है:

  • कई कैमरे काम नहीं कर रहे हैं।
  • स्पीकर और सेंसर खराब हैं।
  • पड़ोसी राज्यों (गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद आदि) के वाहन डाटाबेस से इसका समन्वय नहीं हो पाया है।
  • यदि किसी वाहन में HSRP (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) नहीं लगी है, तो ANPR उसे पहचान भी नहीं पा रहा है।

आदेश सिर्फ दिल्ली तक सीमित होने से संभावित समस्याएं:

  • एनसीआर समन्वय की कमी: सीमावर्ती जिलों में ANPR कैमरे अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं, जिससे लोग इन क्षेत्रों में जाकर ईंधन भरवा सकते हैं और आदेश अप्रभावी हो जाएगा।
  • अवैध ईंधन बिक्री का खतरा: केवल दिल्ली में प्रतिबंध से NCR के क्षेत्रों में अवैध ईंधन बाज़ार पनपने की आशंका बढ़ेगी।

सरकार का सुझाव: चरणबद्ध और क्षेत्रीय समन्वय पर आधारित योजना

दिल्ली सरकार ने जोर दिया कि जब तक ANPR प्रणाली पूरे NCR में समान रूप से लागू नहीं होती, तब तक ऐसे आदेशों को टालना ही व्यावहारिक होगा। उन्होंने एक समन्वित कार्ययोजना बनाने की बात कही।

वैकल्पिक प्रयासों की रूपरेखा

सरकार ने बताया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वह कई उपायों पर काम कर रही है:

  • 70 लाख पौधों का वृक्षारोपण अभियान
  • PUC प्रमाणपत्रों पर सख्त निगरानी नीति
  • हाईराइज़ इमारतों में एंटी-स्मॉग गन अनिवार्यता
  • क्लाउड सीडिंग तकनीक पर प्रयोग
  • सड़क धूल नियंत्रण के लिए MRS प्रणाली
  • EOL वाहनों को SMS अलर्ट भेजने की योजना

न्यायिक पृष्ठभूमि: सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेश

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों के उपयोग पर रोक लगाई थी। इससे पहले 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सार्वजनिक स्थानों पर 15 वर्ष पुराने वाहनों की पार्किंग पर प्रतिबंध लगाया था।

दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह पर्यावरणीय लक्ष्यों से पीछे नहीं हट रही, लेकिन तकनीकी सीमाओं, व्यवहारिक चुनौतियों और NCR समन्वय की कमी के चलते, आदेश संख्या 89 को तत्काल लागू करना उचित नहीं है। सरकार ने CAQM से इस आदेश को फिलहाल स्थगित करने की मांग की है, ताकि बेहतर योजना और तैयारियों के साथ इसे भविष्य में प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

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