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सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट (Central Vista Project) के मामले में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद नए संसद भवन बनाने का रास्ता साफ हो गया। हालांकि, इसे अब हेरिटेज कंजरवेशन समिति से मंजूरी लेनी होगी। आपको बता दें कि बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन के शिलान्यास को मंजूरी दे दी थी।
जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के डीडीए ऐक्ट (DDA Act) तहत यह परियोजना सही है। इसी के साथ कोर्ट ने सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए स्मॉग टावर लगाने को भी आदेश दिया।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ रुपये का है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी और दूसरी अनुमतियों में कोई खामी नहीं है। ऐसे में सरकार अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए लैंड यूज बदलने में भी कोई खामी नहीं है। सरकार नए संसद भवन और इस प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित अन्य निर्माण करा सकती है। कोर्ट ने इस मामले में दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
अगस्त 2022 तक बन जाएगा नया संसद भवन
पिछली सुनवाई में जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली की पीठ ने कहा था कि केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रख सकती है, लेकिन कोई निर्माण कार्य नहीं कर सकती। क्योंकि, इसके कारण पेड़ों की कटाई हो सकती है। उस वक्त सरकार की ओर से भी आश्वासन दिया गया था कि लंबित याचिकाओं पर फैसला आने से पहले वहां पर निर्माण कार्य नहीं होगा।
सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। इस परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण अगस्त, 2022 तक होना है। इस परियोजना को पूरा करने का कॉन्ट्रैक्ट Tata को मिला है। इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है। यह परियोजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है।