सुधीर कुमार / SUDHIR KUMAR NEW DELHI
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश की युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बचाने और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए नशा-मुक्ति की लड़ाई अब निर्णायक चरण में प्रवेश करनी चाहिए। नई दिल्ली में आयोजित दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन ऑफ़ एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुख, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की रणनीति अब केवल छोटे पैमाने पर काम करने वाले नशा तस्करों को पकड़ने तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे ड्रग कार्टेल्स को ध्वस्त करने पर केंद्रित है, जो विभिन्न स्तरों पर सक्रिय हैं।

श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार छोटे डीलरों के साथ-साथ बड़े कार्टेल्स के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि सख्त उपायों के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी के प्रवेश बिंदुओं, वितरण नेटवर्क, स्थानीय बिक्री और इस व्यापार के मास्टरमाइंड्स को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन तरह के कार्टेल्स को तोड़ना अनिवार्य है– वे जो सीमा पर प्रवेश बिंदुओं पर काम करते हैं, वे जो राज्यों तक नशीले पदार्थ पहुँचाते हैं, और वे जो छोटे इलाकों में बिक्री करते हैं।

उन्होंने हर राज्य से अपील की कि वह उच्च स्तरीय रणनीति बनाए, जिसमें राज्य और ज़िले की पुलिस भी शामिल हो। उन्होंने इस पर ज़ोर दिया कि आधुनिक तकनीक जैसे डार्कनेट विश्लेषण, क्रिप्टोकरेंसी ट्रैकिंग, संचार पैटर्न विश्लेषण, लॉजिस्टिक्स, वित्तीय प्रवाह का विश्लेषण, मेटाडाटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग मॉडल्स का इस्तेमाल कर इन कार्टेल्स पर रोक लगानी होगी।

श्री शाह ने बताया कि इस समय देश के 372 ज़िलों में नशामुक्त भारत अभियान चल रहा है, जिसमें दस करोड़ लोग और तीन लाख शैक्षणिक संस्थान जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान हर ज़िले में चलना चाहिए और सभी शैक्षणिक संस्थानों को इससे जोड़ा जाना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि जब तक केंद्र और राज्य सरकारों के सभी विभाग एक दिशा में मिलकर काम नहीं करेंगे, इस अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता।

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार देश से नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेशों में बैठे तस्करों को भारतीय क़ानून के दायरे में लाना समय की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से न केवल नशे का उन्मूलन होगा बल्कि आतंकवाद और अन्य अपराधों पर भी अंकुश लगेगा।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विज़न को साकार करने के लिए युवाओं को नशे से बचाना बेहद अहम है।

सम्मेलन में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के प्रमुखों के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय यह सम्मेलन प्रधानमंत्री के नशामुक्त भारत के संकल्प को सुदृढ़ करने और इस लक्ष्य को पाने के लिए रोडमैप तैयार करने का रणनीतिक मंच उपलब्ध करा रहा है।

इस अवसर पर गृह मंत्री ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट-2024 जारी की और ऑनलाइन ड्रग डिस्पोज़ल अभियान का शुभारंभ किया। सम्मेलन में आठ तकनीकी सत्र होंगे, जिनमें ड्रग फ्री इंडिया @2047, जांच और मुकदमों की प्रभावशीलता बढ़ाना और नेटवर्क एवं कार्टेल्स को ध्वस्त करना जैसे विषय शामिल हैं। सम्मेलन का मुख्य विषय है: “साझा संकल्प, साझा ज़िम्मेदारी”।