Last Updated on December 27, 2025 12:02 am by INDIAN AWAAZ

इंद्र वशिष्ठ, 

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में संगठित अपराध पर 360 डिग्री प्रहार करने की योजना ला रहे हैं। मल्टी-लेयर सिक्योरिटी मॉडल बनाना और आतंकवाद के खिलाफ क्रूर दृष्टिकोण  के साथ काम करना, यही हमें आने वाले दिनों में सुरक्षित रख सकता है।

गृह मंत्री ने शुक्रवार को ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन’ में कहा कि संगठित अपराध नेटवर्क शुरूआत में तो फिरौती और उगाही के लिए काम करते हैं लेकिन जब इनके सरगना विदेशों में जाकर बैठ जाते हैं तो वे अपने आप आतंकवादी संगठनों के संपर्क में आ जाते हैं और फिरौती और धन उगाही का उपयोग देश में आतंकवाद फैलाने के लिए करते हैं। हर राज्य को एनआईए और सीबीआई के तत्वाधान में आईबी का सहयोग लेकर और  डेटाबेस का उपयोग कर अपने यहां इसे समाप्त करना है।

उन्होंने एनआईए द्वारा अपडेट किए गए अपराध मैनुअल का विमोचन, हथियार ई-डेटाबेस और संगठित अपराध नेटवर्क डेटाबेस जारी किया । 

अमित शाह ने कहा कि एनआईए ने एक कॉमन एंटी टेरर स्कवॉयड (एटीएस) स्ट्रक्चर बनाकर राज्यों की पुलिस को भेजा है। राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को इसका जल्द से जल्द अनुपालन करना चाहिए। सभी राज्यों की एटीएस को निदान ( एनआईडीएएएन ) और नेटग्रिड के उपयोग की आदत डालनी चाहिए। जांच में निदान और नेटग्रिड का उपयोग करने से केस के अदृश्य लिंक भी सामने आते हैं।

कॉमन एटीएस स्ट्रक्चर और ऑपरेशनल यूनिफॉर्मिटी आतंकवादियों को सज़ा कराने  में फायदा देती है। जब तक हम ऑपरेशनल यूनिफॉर्मिटी नहीं लाते तब तक हम खतरे का सही आकलन, इंटेलीजेंस शेयरिंग का सही उपयोग और कोऑर्डिनेटेड काउंटर एक्शन नहीं ले सकते। हमें जांच से लेकर अभियोजन और काउंटर एक्शन तक यूनिफॉर्मिटी को सुनिश्चित करना है।

अमित शाह ने कहा कि साइबर एवं सूचना का प्रसार युद्ध, आर्थिक नेटवर्क का दुरुपयोग और आतंकवाद के हाइब्रिड फॉर्मैट के लिए हमें राष्ट्रीय ग्रिड के तौर पर एक सजग और तत्काल परिणामलक्षी कार्यवाही करने वाला सुदृढ़ तंत्र विकसित करना होगा और यह ऐसे सम्मेलनों से ही हासिल हो सकता है।  सभी को साझा करने का कर्तव्य (डयूटी टू शेयर) के सूत्र के साथ आगे बढ़ना चाहिए। केन्द्र की एजेंसियों और राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने स्तर पर टेक्नॉलजी का अच्छा इस्तेमाल किया है, लेकिन एसआईएलओएस में डेवलप की हुई टेक्नॉलजी और एकत्र किया हुआ डेटा बिना गोली के बंदूक की तरह है। अगर सारे डेटा एक-दूसरे से संवाद करें और उन्हें एक ही टेक्नॉलजी से बनाया गया हो तो बेहतर है। इसके लिए गृह मंत्रालय, एनआईए और आईबी को चर्चा कर राष्ट्रीय स्तर पर टेक्नॉलजी और डेटा का एक निर्बाध ढांचा विकसित करना चाहिए और राज्यों को इसे मजबूत करने में सहयोग करना चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि आतंकवादियों और अपराधियों के डेटाबेस को ज़ीरो टेरर का कोर असेट बनाना चाहिए। राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से अपेक्षा है कि वे इस डेटाबेस के प्रारूप का शब्दशः क्रियान्वयन करेंगे।  

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भगोड़े अपराधी की अनुपस्थिति में सुनवाई से जुड़े विवादों से डरे बिना इसे आगे बढ़ाना है। इससे भगोड़े देश लौटने को मजबूर होंगे। श्री शाह ने कहा कि भारत सरकार की सारी एजेंसियां और राज्यों की पुलिस से मिलकर एक ऐसी ‘टीम इंडिया’ बने जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रभावी तरीके से काम करे। उन्होंने दोहराया कि जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ेगा, हमारी चुनौतियाँ बढ़ती जाएंगी। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि देश और अधिकारियों की आने वाली पीढ़ियों के लिए हम एक ऐसा मजबूत आतंकवाद निरोधी ग्रिड बनाए जिससे वे आने वाली चुनौतियों का मजबूती से सामना कर सकें।