
BIZ DESK
सोमवार को घरेलू शेयर बाज़ार ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की। वैश्विक स्तर पर सकारात्मक संकेतों और अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा अगले महीने संभावित दर कटौती के संकेत से निवेशकों का रुख आशावादी रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 329.05 अंक बढ़कर 81,635.91 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 97.65 अंक चढ़कर 24,967.75 के स्तर पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी सेक्टर में तेज़ी ने सूचकांकों को मजबूती दी, वहीं ऊँचाई पर मुनाफावसूली के कारण बढ़त सीमित रही। रिलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा ने कहा कि आईटी शेयरों में जबरदस्त खरीद और चुनिंदा दिग्गज शेयरों में मजबूती से बाजार टिक पाया। हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर लगभग सपाट बंद हुए, जिससे निवेशकों की सतर्कता साफ दिखाई दी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज़ के विनोद नायर ने कहा कि जीएसटी दरों के तर्कसंगतीकरण और अच्छे मानसून की उम्मीद उपभोग मांग को बढ़ा सकती है। साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी निवेश का स्थिर प्रवाह भी बाज़ार को सहारा दे रहा है।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- आईटी सेक्टर:
टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसे शेयरों में तेज़ी रही। वैश्विक मांग में सुधार की उम्मीद और डॉलर की कमजोरी से आईटी कंपनियों को लाभ हुआ। - बैंकिंग और वित्तीय:
प्राइवेट बैंकों में हल्की खरीदारी दिखी, जबकि पीएसयू बैंकों पर मुनाफावसूली का दबाव रहा। एनबीएफसी शेयर स्थिर रहे। - ऑटोमोबाइल:
ऑटो सेक्टर दबाव में रहा। इन्वेंट्री बढ़ने की चिंता रही, हालांकि ग्रामीण मांग और त्योहारों से दोपहिया कंपनियों को सहारा मिला। - एफएमसीजी:
एफएमसीजी शेयर सीमित दायरे में रहे। ग्रामीण मांग और जीएसटी सुधार की उम्मीद से आगे सुधार संभव है। - ऊर्जा एवं तेल-गैस:
ऊर्जा कंपनियों में मिला-जुला रुख रहा। कच्चे तेल की गिरती कीमतों का असर दिखा, परंतु रिफाइनिंग मार्जिन दबाव में रहे। - मेटल और रियल्टी:
मेटल शेयर चीन की मांग घटने की आशंका से कमजोर रहे। रियल्टी शेयरों में मुनाफावसूली दिखी।
