सुधीर कुमार

तमाम एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए , एक बार फिर हरियाणा में बीजेपी सरकार बन गई। ९० सीटों वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लिया है , आखिर बीजेपी ने ये करिश्मा किया कैसे /

गैर जाट वोटरों की गोलबंदी

चुनाव से तीन महीने पहले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मनोहर लाला खटटर की जगह नायब सिंह सैनी को राजय सत्ता का बागडोर सौप दिया , जिससे जहाँ एक तरफ बीजेपी के फेवर में गैर पिछड़ी जातिओं का वोट बैंक एकजुट हुआ , वही दूसरी तरफ मनोहर लाल खट्टर को केंद्र  सरकार में ऊर्जा मंत्रायलय सौप कर , पंजाबी वोटरों को भी अपने साथ जोड़े रखा।

अगर हम आंकड़ों को खंगाले तो बीजेपी और कांग्रेस के मत प्रतिशत में मामूली अंतर हैं ,खबर लिखे जाने तक बीजेपी को जहा ४० प्रतिशत मत मिले है वही कांग्रेस को ३९ प्रतिशत मत मिलता हुआ नज़र आ रहा ह।

आखिर कांग्रेस से चुक कहाँ हुई ?

कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के सामने नतमस्तक होकर न केवल उन्हे भावी मुखयमंत्री के रूप में पेश किया बल्कि टिकट बटवारे में भी भूपेंदर सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंदर सिंह हुड्डा की ही चली , कुमारी शैलेजा केवल दलित चेहरा बनकर ही रह गई, ,जिसका बीजेपी ने फायदा उठाया और चुनाव के मध्य में  मनहोर लाल खट्टर ने कुमारी शैलेजा का अपमान को दलित का अपमान बताकर , दलित वोटरों की सहानुभूति ,बीजेपी के प्रति  कर दी।