AMN

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देहरादून में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 18 हजार करोड़ रुपये की 11 अन्‍य परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसमें दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा भी शामिल है जिसे करीब 8 हजार तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इससे दिल्ली से देहरादून की यात्रा का समय छह घंटे से घट कर लगभग 2 घंटा 50 मिनट रह जाएगा।

इसमें बिना पाबंदी वन्यजीवों की आवाजाही के लिए एशिया का सबसे बड़ा 12 किलोमीटर का वन्यजीव ऊंचा गलियारा होगा। दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे में 500 मीटर के अंतराल पर वर्षा जल संचयन और 400 से अधिक जल पुनर्भरण बिंदुओं की व्यवस्था भी होगी। दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे से ग्रीनफील्ड संरेखण परियोजना, हलगोआ, सहारनपुर से भद्राबाद, हरिद्वार को जोड़ने वाली परियोजना का निर्माण 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा।

इससे निर्बाध सम्‍पर्क प्राप्‍त होगा तथा दिल्ली से हरिद्वार तक यात्रा का समय भी कम हो जाएगा। लगभग एक हजार सात सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली देहरादून-पोंटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) सड़क परियोजना से यात्रा के समय में कमी आएगी तथा दोनों स्थानों के बीच निर्बाध संपर्क भी उपलब्‍ध होगा। इससे अंतर्राज्यीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

लक्ष्मण झूला के बगल में गंगा नदी पर एक पुल का भी निर्माण किया जाएगा। विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला का निर्माण 1929 में किया गया था, लेकिन अब ज्‍यादा भार क्षमता वहन न करने के कारण इसे बंद कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने देहरादून में चाइल्ड फ्रेंडली सिटी परियोजना की भी आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने देहरादून में सात सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत की जलापूर्ति, सड़क और जल निकासी प्रणाली के विकास से संबंधित परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्मार्ट आध्यात्मिक शहरों के विकास और पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, श्री बद्रीनाथ धाम और गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की आधारशिला भी रखी।

श्री मोदी ने सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया जिनमें वे परियोजनाएं भी शामिल हैं जो क्षेत्र में पुराने भूस्खलन की समस्या से निपटकर यात्रा को सुरक्षित बनाने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

श्री मोदी ने देहरादून में एक हिमालयी संस्कृति केंद्र के साथ-साथ एक हजार सात सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत की यमुना नदी पर निर्मित 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि उत्‍तराखंड केवल आस्‍था का केंद्र ही नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और दृढ निश्‍चय का प्रतीक भी है। इसीलिए उत्‍तराखंड का विकास केंद्र और राज्‍य की डबल इंजन सरकार की अग्रणी प्राथमिकताओं में से एक है। उन्‍होंने कहा कि इस शताब्‍दी के आरंभ में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देशभर में संपर्क बढाने का अभियान शुरू किया था, लेकिन उसके बाद दस वर्ष तक केंद्र सरकार ने देश और उत्‍तराखंड का अमूल्‍य समय बर्बाद किया।

कार्यशैली में परिवर्तन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आधुनिक अवसंरचना पर सौ लाख करोड रूपये का निवेश करने के इरादे के साथ आगे बढ रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत की वर्तमान नीति दोगुना या तीन गुनी तेजी से कार्य करने की गति शक्ति पर आधारित है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2012 में केदारनाथ दुर्घटना से पहले पांच लाख सत्‍तर हजार लोग दर्शन के लिए जाया करते थे। यह उस समय एक रिकार्ड था, लेकिन 2019 में कोविड महामारी से पहले दस लाख से अधिक लोगों ने केदारनाथ की यात्रा की। उन्‍होंने कहा कि केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण से न केवल तीर्थ यात्रियों की संख्‍या बढी है, बल्कि स्‍थानीय लोगों को रोजगार और स्‍वरोजगार के अवसर भी मिले हैं।

प्रधानमंत्री ने दिल्‍ली-देहरादून आर्थिक गलियारे का शिलान्‍यास करने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि इस गलियारे के तैयार होने पर दिल्‍ली से देहरादून की यात्रा का समय आधा हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि पर्वत केवल आस्‍था और संस्‍कृति के ही प्रतीक नहीं हैं, बल्कि देश की सुरक्षा का दुर्ग भी हैं। उन्‍होंने कहा कि देश की सर्वोच्‍च प्राथमिकता पहाड़ों पर रहने वाले लोगों का जीवन आसान बनाना है।

श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2007 से 2014 के बीच सात वर्षों में केंद्र सरकार ने उत्‍तराखंड में केवल 288 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण किया, लेकिन वर्तमान सरकार ने सात वर्षों में उत्‍तराखंड में दो हजार पांच सौ किलोमीटर से अधिक राजमार्ग का निर्माण किया।

उन्‍होंने कहा कि एक रैंक एक पैंशन, आधुनिक हथियार, आतंकवादियों को मुंहतोड जवाब देने जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों को उचित रूप से नहीं सुलझाया गया जिससे सेना का हर स्‍तर पर मनोबल गिरा। श्री मोदी ने कहा कि मौजूदा सरकार विश्‍व में किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। उन्‍होंने कहा कि हम राष्‍ट्र प्रथम-सदैव प्रथम के मंत्र का पालन करते हैं।

प्रधानमंत्री ने केवल एक जाति, धर्म और विकास नीतियों में भेदभाव की राजनीति करने की कडी आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अलग और कठिन रास्‍ता अपनाया है, लेकिन यह देश के और देशवासियों के हित में है। श्री मोदी ने कहा कि हमारा रास्‍ता सबका साथ, सबका विकास का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल के समय में देश की प्रगति न तो रुकेगी और न ही सुस्‍त होगी, बल्कि देश अधिक दृढ़ विश्वास और बडे संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा।