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सोलहवीं बिहार विधानसभा को भंग कर दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुशंसा पर राज्यपाल फागू चौहान ने 16वीं बिहार विधानसभा को विघटित कर दिया। साथ ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के इस्तीफे पर भी अपनी स्वीकृति दे दी। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों से अगली मंत्रिपरिषद के गठन तक अपने-अपने प्रभार में बने रहने का अनुरोध किया है। राज्यपाल चौहान ने भारत के संविधान में प्रदत्त राज्यपाल की शक्तियों का प्रयोग करते हुए वर्ष 2015 में गठित 16वीं बिहार विधानसभा को विघटित किया।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शाम चार बजे हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 16वीं बिहार विधानसभा को भंग करने का निर्णय लिया गया। उसके बाद मुख्यमंत्री शाम पौने पांच बजे राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान से मंत्रिपरिषद के निर्णय के आलोक में 16वीं विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा की। साथ ही, अपने और मंत्रिपरिषद के अन्य सहयोगियों के इस्तीफे भी सौंपे। 16वीं विधानसभा को राज्यपाल द्वारा भंग किये जाने के साथ ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई।

एनडीए के नेता का चुनाव 15 को
नई सरकार के गठन को लेकर बिहार में एनडीए के चारों घटक दल जदयू, भाजपा, हम और वीआईपी के विधानमंडल दल की बैठक 15 नवम्बर को होगी, जिसमें नेता का चयन होगा। शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से करीब 50 मिनट तक चली चारों दलों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एक अणे मार्ग स्थित चारों दलों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद एनडीए की इस बैठक की जानकारी मीडिया को दी। बताया कि 15 नवंबर को दोपहर 12.30 बजे एनडीए के चारों दलों के विधानमंडल दल की संयुक्त बैठक होगी। इसमें एनडीए विधानमंडल दल के नेता का चुनाव होगा। साथ ही, सरकार गठन को लेकर सारे निर्णय इसी बैठक में लिए जायेंगे। मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल, हम प्रमुख जीतन राम मांझी, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी, वरिष्ठ जदयू नेता बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, आरसीपी सिंह और संजय झा मौजूद रहे।

15 को ही राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपेगे दल
रविवार को एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक के पूर्व चारों घटक दल जदयू, भाजपा, हम और वीआईपी के विधायक दलों की अपनी-अपनी बैठकें होंगी। इस बैठक में ये दल एनडीए के चुने जाने वाले नेता के नाम पर चर्चा करेंगे साथ ही उनके नेतृत्व में सरकार गठन के लिए राज्यपाल को सौंपा जाने वाला पत्र तैयार करेंगे। संयुक्त बैठक के बाद चारों दलों द्वारा राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपा जाएगा। इसके साथ ही एनडीए राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। वैधानिक प्रक्रिया के तहत राज्यपाल उसके बाद एनडीए के नेता को सरकार गठन का आमंत्रण देंगे। फिर उनकी इच्छा के मुताबिक तिथि और समय निर्धारित कर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। 16 नवम्बर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो सकता है। राजभवन इसकी तैयारी में इस तरह जुटा है कि शार्ट नोटिस पर भी शपथ ग्रहण हो सके।

नीतीश ही लेंगे शपथ
विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने एनडीए घटक दलों की सीएम हाउस में हुई बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि एनडीए फैसला ले चुका है। नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता होंगे। वे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।