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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को घोषणा की कि गुरुवार, 18 दिसंबर से राजधानी में बाहर से आने वाले केवल BS-VI मानक वाले वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यह आदेश अगली सूचना तक लागू रहेगा और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से लिया गया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिरसा ने कहा कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले गैर-BS-VI वाहनों पर रोक रहेगी। इसके साथ ही, जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं होगा, उन्हें 18 दिसंबर से राजधानी के पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वाहन मालिकों को नियमों के पालन के लिए एक दिन का समय दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर लगाए गए ऑटोमैटिक कैमरे नियमों का पालन न करने वाले वाहनों की पहचान करेंगे, जिससे बिना किसी टकराव के सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। “गुरुवार से ऐसे वाहनों को स्वतः ईंधन नहीं मिलेगा। अब तक आठ लाख से अधिक वाहन मालिकों पर वैध PUC न होने के कारण जुर्माना लगाया जा चुका है,” उन्होंने बताया।

आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए सिरसा ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार अपने दस साल के कार्यकाल में प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल रही और अब उसी मुद्दे पर विरोध कर रही है। उन्होंने दावा किया कि 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में करीब आठ महीनों तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहतर रही है। हालिया प्रदूषण वृद्धि को स्वीकार करते हुए भी उन्होंने कहा कि बीते दस महीनों में उठाए गए कदमों से स्थिति पहले से बेहतर है।

सरकार की पहल पर बात करते हुए मंत्री ने बताया कि दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई 15 मीटर तक कम की गई है। लेगेसी वेस्ट से प्रभावित 202 एकड़ में से 45 एकड़ भूमि को साफ कर वहां पौधारोपण शुरू किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 2,000 से अधिक निगरानी इकाइयां स्थापित की हैं और 9.21 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

उन्होंने कहा कि 2018 में जहां 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट थे, अब 62 स्थानों की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। साथ ही, दिल्ली में 3,400 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं, जिन्हें बढ़ाकर 7,500 करने की योजना है ताकि वाहन उत्सर्जन को और कम किया जा सके।