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शकील अख़्तर

आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कांग्रेस के लिए खुशखबरी आ गई। . इस चुनाव की खास बात यह रही की 20 साल बाद यहां प्रोग्रेसिव ताकतों की वापसी हुई है। पिछले दो दशक से यहां के अध्यक्ष पद पर एक बड़े बीफ एक्सपोर्टर सिराज कुरैशी जमे हुए थे। इस बार उन्होंने अपने एक समर्थक डा. माजीद तालिकोटी को लड़ाया था जो आरएसएस के मुसलमानों के बीच सक्रिय संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से जुड़े हुए थे। मगर वे बुरी तरह हारे। अध्यक्ष पद के लिए कुल सात उम्मीदवार मैदान में थे।

सलमान को कुल पड़े वोटो में से आधे के करीब 721 वोट मिले। कल 1662 वोट पड़े थे। इनमें से 940 ने आकर मतदान किया था। 390 ने ई वोटिंग के जरिए और 332 ने पोस्ट बैलेट से।

आज पोस्ट बैलेट की गिनती रह गई थी वह पूरी हुई। गौरतलब है की इससे पहले सलमान खुर्शीद कुरैशी से हार चुके थे और वही नहीं बीजेपी के ही आरिफ मोहम्मद खान गवर्नर केरल भी कुरैशी से हार चुके थे।

इसलिए इस बार कुरैशी के पैनल की हार बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस सेंटर को भारतीय इस्लामिक कल्चर को डेवलप करने के लिए इंदिरा गांधी ने स्थापित किया था।

1984 में उन्होंने इसका उद्घाटन किया था। इसमें सभी धर्म और जातियों के मेंबर हैं। 240 के करीब हिंदू वोटर हैं। सेंटर भारत की विविधता के बहुत अच्छे प्रतीक के रूप में स्थापित हुआ था।

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