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WEB DESK

एक स्वतंत्र आयोग का मानना ​​है कि पिछले 70 सालों में फ्रांस की कैथोलिक चर्च में करीब 3.3 लाख बच्चे यौन शोषण का शिकार हुए हैं। रिपोर्ट जारी करने वाले आयोग के अध्यक्ष जीन मार्क सॉवे का मानना है कि इसमें 80 फीसद पीड़ित पुरुष हैं। यौन शोषण से पीड़ित करीब 60 फीसद लोगों को जीवन में और यौन जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ा है।

2.5 साल तक काम करके आयोग ने 2.5 हजार पेज की डॉक्यूमेंट तैयार की है जिसके केंद्र में कैथोलिक चर्च है। रिपोर्ट 1950 के दशक से चर्च, अदालत, पुलिस और प्रेस आर्काइव की स्टडी करके बनाई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान 3 हजार अपराधियों में से दो तिहाई लोग चर्च में पुजारी थे। जांच की शुरुआत में शुरू किए गए एक हॉटलाइन को कथित पीड़ितों या ऐसे लोगों से 6,500 कॉल मिले जिन्होंने कहा कि वे एक पीड़ित को जानते हैं।

सौवे ने कहा कि 22 कथित अपराध जिन्हें अभी भी आगे बढ़ाया जा सकता है, उन्हें अभियोजकों को भेज दिया गया है। 40 से अधिक मामले जो कि मुकदमा चलाने के लिए बहुत पुराने हैं, लेकिन कथित अपराधियों को शामिल करते हैं जो अभी भी जीवित हैं, उन्हें चर्च के अधिकारियों को भेज दिया गया है। आयोग ने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के तरीके के बारे में आयोग ने 45 सिफारिश की हैं।

यह रिपोर्ट फ्रांसीसी कैथोलिक चर्च को हिलाकर रख देने वाले पादरी बर्नार्ड प्रीनेट को लेकर हुए एक घोटाले के बाद आई है। पिछले साल, प्रीनेट को नाबालिगों का यौन शोषण करने का दोषी ठहराया गया था और उन्हें पांच साल की जेल की सजा दी गई थी। उन्होंने दशकों तक 75 से अधिक लड़कों को गाली देने की बात स्वीकारी थी। प्रीनेट के एक पीड़ित ने मामले को लेकर कहा कि चर्च को न केवल घटनाओं को स्वीकार करना चाहिए बल्कि पीड़ितों को मुआवजा भी देना चाहिए। रिपोर्ट में जिन पीड़ितों की पहचान की गई है उनकी संख्या ‘न्यूनतम’ है।

बता दें कि पोप फ्रांसिस ने मई 2019 में एक नया चर्च कानून जारी किया था। इसके तहत यौन उत्पीड़न के मामलों से अवगत लोगों के लिए इसकी जानकारी देना अनिवार्य बना दिया गया।

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