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प्रधानमंत्री ने नवरात्रि के अवसर पर कई प्रमुख महिलाओं की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि नए भारत के अभ्युदय में स्त्री-शक्ति की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सुरेखा यादव ने एशिया की पहली महिला लोको पायलट बनकर कीर्तिमान बनाया है। सुश्री सुरेखा वंदेभारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट हैं। श्री मोदी ने ऑस्कर विजेता वृत्त-चित्र द एलीफेंट व्हिस्परर्स की निर्माता गुनीत मोंगा और निर्देशक कार्तिर्की गोंज़ाल्विस की भी चर्चा की। उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र की वैज्ञानिक ज्योर्तिमयी मोहंती का भी जिक्र किया जिन्हें रसायन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आईयूपीएसी का विशेष पुरस्कार प्राप्त हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि भारत की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने भी विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि नागालैंड में, 75 वर्ष में पहली बार, दो महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। इनमें से एक को नागालैंड सरकार में मंत्री भी बनाया गया है और इस तरह वे नागालैंड की पहली महिला मंत्री बन गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की जांबाज बेटियों से मुलाकात की, जिन्हें भूकंपग्रस्त तुर्कीए की मदद के लिए भेजा गया था। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत शांतिरक्षक बल में एक ऐसी टुकड़ी भी रखी है जिसमें केवल महिलाएं हैं। श्री मोदी ने सेना के तीनों अंगों में अपने शौर्य का झंडा बुलंद कर रही देश की बेटियों की प्रशंसा की। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी वायुसेना की ऐसी पहली महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्हें युद्धक इकाई में कमान नियुक्ति दी गई है। उन्हें लगभग तीन हजार घंटे की उड़ान भरने का अनुभव भी है। श्री मोदी ने थल सेना में कैप्टन शिवा चौहान की चर्चा भी की जो सियाचिन में तैनात की गई पहली महिला अधिकारी हैं। सुश्री शिवा, सियाचिन में तीन महीने तक रहेंगी जहां तापमान माइनस 60 डिग्री तक चला जाता है। श्री मोदी ने कहा कि नारी-शक्ति की यह ऊर्जा ही विकसित भारत की प्राणवायु है।
प्रधानमंत्री ने एक-भारत-श्रेष्ठ-भारत के संबंध में काशी-तमिल संगमम् की चर्चा की। काशी में आयोजित इस कार्यक्रम में, काशी और तमिल क्षेत्र के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का जश्न मनाया गया। श्री मोदी ने कहा कि एकता की भावना को केन्द्र में रखकर 17 से 30 अप्रैल तक गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में सौराष्ट्र-तमिल संगमम् का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई शताब्दी पहले सौराष्ट्र के अनेक लोग तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में बस गए थे जिन्हें सौराष्ट्री तमिल के रूप में जाना जाता है। प्रधानमंत्री ने असम के नायक लासित बोरफुकन की चर्चा की जिनकी इस वर्ष 400वीं जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि लासित की बहादुरी के कारण गुवाहाटी को मुग़ल सल्तनत से आज़ाद करा पाना संभव हुआ था। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस महान योद्धा के अदम्य साहस से आज देश परिचित हो रहा है। कुछ दिन पूर्व लासित बोरफुकन के जीवन पर आधारित एक निबंध लेखन अभियान भी चलाया गया था। श्री मोदी ने कहा कि इसके लिए 45 लाख लोगों ने निबंध भेजे, जो गिनीज रिकॉर्ड बन गया है। ये निबंध 23 भाषाओं में लिखे गए हैं। इनमें हिन्दी, अंग्रेजी, बांगला, बोड़ो, नेपाली, संस्कृत और संथाली भाषाएं शामिल हैं। श्री मोदी ने इस प्रयास का हिस्सा बने सभी लोगों की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने कश्मीर की डल झील में पैदा होने वाले कमल ककड़ी से तैयार किए जा रहे स्वादिष्ट व्यंजन – नादरू की चर्चा की। उन्होंने कहा कि नादरू की मांग लगातार बढ़ रही है और इसके उत्पादकों ने एक अलग संगठन बना लिया है जिससे लगभग 250 किसान जुडे हैं। अब ये किसान अन्य देशों को नादरू का निर्यात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में इन किसानों ने नादरू की दो खेप संयुक्त अरब अमीरात भेजी है। उन्होंने कहा कि इस सफलता से सैकड़ों किसानों की आमदनी बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कश्मीर में डोडा जिले के भद्रवाह में सुगंधित फूलों की खेती की चर्चा की जिससे लगभग ढाई हजार किसान जुड़े हैं। इन किसानों को केन्द्र सरकार के एरोमा मिशन से मदद मिल रही है। इस नई खेती के कारण किसानों की आमदनी में काफी बढोतरी हुई है और उनकी सफलता की खुशबू दूर-दूर तक फैल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां शारदा कमल-पुष्प पर ही विराजमान होती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व, कश्मीर में कुपवाड़ा में मां शारदा के एक भव्य मंदिर का लोकार्पण हुआ है जिसके निर्माण में स्थानीय लोगों ने बहुत मदद की है। श्री मोदी ने इस शुभ कार्य के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि रमज़ान का महीना शुरू हो गया है और अगले कुछ दिनों में रामनवमी भी मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि महावीर जयंती, गुड फ्राइडे और ईस्टर भी बहुत दूर नहीं हैं। श्री मोदी ने कहा कि अप्रैल के महीने में दो महान विभूतियों- महात्मा ज्योतिबा फूले और बाबा साहेब आम्बेडकर की जयंती मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि इन दोनों महापुरुषों ने समाज से भेदभाव को मिटाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। श्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में इन दोनों महापुरुषों से सीखने और प्रेरणा लेने की ज़रूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम के अब तक के पड़ावों पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री मोदी ने कहा कि देशवासियों में 30 अप्रैल को प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम की 100वीं कड़ी को लेकर बहुत अधिक उत्साह है। उन्होंने 100वीं कड़ी के लिए लोगों से सुझाव और विचार भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि लोगों के सुझावों और विचारों से मन की बात की 100वीं कड़ी को बेहद यादगार बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने ध्यान दिलाया कि कुछ जगहों पर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने और स्वच्छता का ध्यान रखने की अपील की।