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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल से तीन दिन के गुजरात दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे साढ़े चौदह हजार करोड़ रूपये से अधिक लागत वाली परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे। श्री मोदी मेहसाणा, भरूच, जामनगर और अहमदाबाद का दौरा करेंगे।
यात्रा के पहले चरण में, श्री मोदी मेहसाणा में तीन हजार नौ सौ करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री मोढेरा गांव को 24 घंटे सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला गांव घोषित करेंगे। अपनी तरह की इस पहली परियोजना ने मोढेरा के सूर्य मंदिर को सौर ऊर्जा से रोशन करने की प्रधानमंत्री परिकल्पना को मूर्त रूप दिया है।
प्रधानमंत्री अहमदाबाद-मेहसाणा गेज परिवर्तन परियोजना के अंतर्गत साबरमती-जागूडान रेलखंड, ओएनजीसी की नंदासन जियोलॉजिकल तेल उत्पादन परियोजना, खेरवा से शिंगोडा झील तक सुजलाम् सुफलाम नहर, धारोई बांध से जुड़ी वडनगर खेरालू और धारोई समूह सुधार स्कीम राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वे जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, उनमें शामिल हैं – राष्ट्रीय राजमार्ग-68 पर पाटन से गुजरिया के बीच चार लेन की सड़क बनाना, दूधसागर डेयरी में स्वचालित दुग्ध पाउडर संयंत्र और यूएचटी दुग्ध कार्टन संयंत्र। प्रधानमंत्री मोढेश्वरी माता मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे।
सोमवार को श्री मोदी भरूच के आमोद में आठ हजार करोड़ रूपये से अधिक लागत वाली कुछ परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे और कुछ की आधारशिला रखेंगे। दवा-निर्माण क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए श्री मोदी जम्बूसार में थोक औषधि उद्यान की नींव रखेंगे। वे अहमदाबाद में मोदी शैक्षणिक संकुल के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे जो जरूरतमंद बच्चों का शैक्षिक परिसर है।
मंगलवार को, श्री मोदी अहमदाबाद के पास असरवा के सिविल अस्पताल में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे और कुछ की आधारशिला रखेंगे। ये परियोजनाएं लगभग तेरह सौ करोड़ रूपये की हैं। जामनगर में प्रधानमंत्री एक हजार चार सौ साठ करोड़ रूपये से अधिक लागत वाली कुछ परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे और कुछ की आधारशिला रखेंगे। ये परियोजनाएं सिंचाई, बिजली, जलापूर्ति और शहरी बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं।
प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में उज्जैन भी जाएंगे जहां वे श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस परियोजना के पहले चरण में, विश्वस्तरीय सुविधाएं शुरू कर श्रद्धालुओं की मंदिर-यात्रा के अनुभव को और अच्छा बनाया जाएगा। लगभग साढ़े आठ सौ करोड़ रूपये लागत वाली इस परियोजना से पूरे इलाके को भीड़-भाड़ से मुक्त किया जाएगा और ऐतिहासिक ढांचे को संरक्षित तथा बहाल किया जाएगा।