70 घायल, 50 से ज्यादा अब भी लापता
गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस घटना के दौरान पुल के ऊपर खड़े कई लोग नदी में गिर गए। घटना में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है। मरने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक बताई जा रही है। मुख्यमंत्री अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। वहीं, सरकार ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, लेकिन अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। पुलिस और प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ की तीन की टीमें भी जल्द मौके पर पहुंच रही हैं। एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने कहा कि एनडीआरएफ की दो और टीमों को वडोदरा हवाई अड्डे से राजकोट हवाई अड्डे के लिए रवाना किया जा रहा है।
मोरबी केबल पुल गिरने के घटनास्थल पर मौजूद गुजरात के पंचायत मंत्री बृजेश मेरजा ने बताया कि 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और यह संख्या और अधिक हो सकती है। वर्तमान में बचाव अभियान जारी है और कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त सैकड़ों की तादाद में लोग पुल पर मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मोरबी में केबल पुल दुर्घटना के बारे में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से जानकारी ली। एक ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से स्थिति पर लगातार करीब से नजर रखने को कहा है। प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों को केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने दुर्घटनास्थल पर तत्काल राहत और बचाव दल भेजने को भी कहा है।
नेवी और एयरफोर्स को भी बुलाया गया
वहीं, एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ टीम के साथ वायुसेना का विमान राहत कार्यों के लिए रवाना हो गया है। एक घंटे में दूसरा विमान भेजा जाएगा। जामनगर और आसपास के अन्य स्थानों में बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है। भुज और अन्य स्थानों से मोरबी के लिए गरुड़ कमांडो भेजे गए हैं। इसके साथी भारतीय नौसेना के 50 जवान भी मोरबी भेजे गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि ध्रांगधरा के पास एक आर्टिलरी ब्रिगेड से डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित भारतीय सेना की एक टीम पहले ही मोरबी में दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और बचाव और राहत कार्यों में हिस्सा ले रही है। डॉक्टरों और अन्य राहत सामग्री के साथ सेना की एक और टीम शीघ्र ही घटनास्थल पर पहुंच रही है।