ए अख़्तर

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है कि यदि उसने कोई नई नापाक हरकत की, तो उसे यह तय करना होगा कि वह भूगोल में रहना चाहता है या इतिहास का हिस्सा बनना। जनरल द्विवेदी ने यह बात आज राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के सीमावर्ती गाँव 22 एमडी स्थित एक सैन्य चौकी पर जवानों को संबोधित करते हुए कही।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता पाकिस्तान में आतंकवादी गुटों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नौ ठिकानों का विनाश था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं इस अभियान का नाम “सिंदूर” रखा, जो इसकी विशेष महत्ता को दर्शाता है। इस अवसर पर सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर में उत्कृष्ट योगदान देने वाले तीन अधिकारियों और कई जवानों को सम्मानित भी किया।

सेना प्रमुख ने साफ कहा कि भारत “सिंदूर 2.0” के लिए पूरी तरह तैयार है और भविष्य में की जाने वाली कार्रवाई पहले की तुलना में कहीं अधिक कठोर होगी। उनके अनुसार, “यदि पाकिस्तान भूगोल में बने रहना चाहता है तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद छोड़ना होगा। हम वह संयम नहीं दिखाएँगे जो ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के समय दिखाया गया था।”

7 मई की कार्रवाई को याद करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद विरोधी मुहिम का निर्णायक क्षण था। रक्षा मंत्रालय ने पहले ही बताया था कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-आक्युपाइड जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढाँचों पर सटीक हमले किए, जिनमें नूर खान और रहीमयार खान के हवाई अड्डों पर बड़े पैमाने की कार्रवाई भी शामिल थी।

जनरल द्विवेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारे जीवन का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे महिलाओं को समर्पित किया था और यह हमेशा सशस्त्र बलों की स्मृति में अंकित रहेगा। जब भी कोई महिला सिंदूर लगाती है, तो उसे याद आता है कि सीमा पर वर्दीधारी जवान उसकी सुरक्षा में तैनात हैं।”

सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान, जिनमें बीकानेर सैन्य स्टेशन भी शामिल था, सेना प्रमुख ने जवानों की परिचालन तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा: “मेरे इस दौरे का मक़सद यह देखना था कि यदि सिंदूर 2.0 होता है, तो हमारी तैयारी कैसी है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगर अवसर मिला, तो नतीजे हमारे पक्ष में होंगे।”

इस अवसर पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में वीरता दिखाने वाले तीन जवानों को सम्मानित किया— बीएसएफ की 140वीं बटालियन के कमांडेंट प्रभाकर सिंह, राजपूताना राइफल्स के मेजर रितेश कुमार और हवलदार मोहित गेरा। सेना प्रमुख ने कहा, “ये वीर भारतीय सशस्त्र बलों की साहस और संकल्प शक्ति का प्रतीक हैं।”