बैंकिंग और वित्तीय शेयरों ने खींचा सूचकांक नीचे

BIZ DESK
कमजोर वैश्विक संकेतों और मुनाफावसूली के दबाव में भारतीय शेयर बाजार आज लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स 466 अंक या 0.55 प्रतिशत गिरकर 83,939 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 156 अंक या 0.60 प्रतिशत फिसलकर 25,722 पर आ गया। शुरुआती गिरावट के बाद बाजार में कुछ देर के लिए तेजी लौटी, लेकिन उसे बरकरार नहीं रखा जा सका और कारोबार के अंत में सभी प्रमुख सूचकांक घाटे में रहे।
ब्रॉडर मार्केट में भी बिकवाली का दबाव देखने को मिला। बीएसई मिड-कैप सूचकांक 0.53 प्रतिशत और स्मॉल-कैप सूचकांक 0.4 प्रतिशत नीचे बंद हुआ, जिससे निवेशकों की सतर्कता झलकी।
सेक्टरवार प्रदर्शन
बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र:
बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व जैसे दिग्गज शेयरों में 2 से 3.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई। निफ्टी बैंक सूचकांक 1 प्रतिशत से अधिक गिर गया।
ऊर्जा और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU):
बाजार की समग्र कमजोरी के बीच ऊर्जा और पीएसयू शेयरों में कुछ मजबूती दिखी। निफ्टी ऑयल एंड गैस सूचकांक 0.07 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक 1.5 प्रतिशत चढ़ा। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे शेयरों ने मजबूती दिखाई।
आईटी और औद्योगिक क्षेत्र:
आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। टीसीएस और लार्सन एंड टुब्रो कुछ चुनिंदा बढ़त दर्ज करने वाले सेंसेक्स शेयरों में शामिल रहे।
सामान्य परिदृश्य:
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक बाजारों की कमजोरी, बढ़ती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से घरेलू बाजार पर दबाव बना हुआ है। निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है, क्योंकि अगले सप्ताह कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े और तिमाही नतीजे आने वाले हैं।
