BIZ DESK

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार लगातार चौथे दिन बिकवाली के दबाव में रहा, जिसमें बेंचमार्क सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी और घरेलू बाजार में ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंताओं के कारण अधिकांश सेक्टर्स में भारी बिकवाली देखी गई।

मुख्य बाज़ार प्रदर्शन

  • सेंसेक्स और निफ्टी: बीएसई सेंसेक्स 386 अंक (0.47%) गिरकर 81,716 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 113 अंक (0.45%) गिरकर 25,057 पर रहा।
  • ब्रॉडर मार्केट: यह कमजोरी सिर्फ लार्ज-कैप स्टॉक्स तक सीमित नहीं रही। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.98% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.67% नीचे रहा, जो दर्शाता है कि बिकवाली का दबाव व्यापक था।
  • प्रमुख गिरने वाले शेयर: निफ्टी इंडेक्स पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में टाटा मोटर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अदानी एंटरप्राइजेज, विप्रो और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल थे, जिनके शेयरों में 1% से 2.6% तक की गिरावट आई।

सेक्टर-वार विश्लेषण

अधिकतर सेक्टरों में बिकवाली का दबाव देखा गया, जबकि एक सेक्टर ने इसके विपरीत प्रदर्शन किया।

  • प्रमुख गिरावट वाले सेक्टर:
    • निफ्टी रियल्टी इंडेक्स सबसे ज्यादा गिरा, जिसमें 2.5% की गिरावट आई।
    • निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 1.15% की गिरावट देखी गई, संभवतः हाल की तेजी के बाद मुनाफावसूली के कारण।
    • निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी बिकवाली के दबाव में था और 0.8% गिरकर बंद हुआ।
  • तेजी वाला सेक्टर: निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स एकमात्र ऐसा सेक्टर था जो हरे निशान में बंद हुआ, जिसमें 0.18% की मामूली बढ़त दर्ज की गई।

गिरावट के कारण

  • वैश्विक संकेत: गिरावट आंशिक रूप से वॉल स्ट्रीट के कमजोर प्रदर्शन का परिणाम थी, जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन की मुद्रास्फीति और परिसंपत्ति मूल्यांकन पर की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुआ था।
  • विदेशी पूंजी की निकासी: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा लगातार बिकवाली बाजार के लिए एक बड़ी बाधा बनी हुई है। मंगलवार को, FPIs ने 3,551 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिसने घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) द्वारा की गई खरीदारी को बेअसर कर दिया।
  • अन्य चिंताएं: विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू बाजार के ऊंचे मूल्यांकन और अमेरिका से वीज़ा प्रतिबंधों सहित भू-राजनीतिक अनिश्चितताएँ भी निवेशकों के सतर्क रुख में योगदान दे रही हैं।
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