कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने तुगलक लेन बंगले को खाली करते वक्त खासे भावुक नजर आए. उन्होंने कहा, “मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं.मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं.” उन्होंने आगे कहा, “हिंदुस्तान के लोगों ने मुझे 19 साल तक यह घर दिया, मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. यह सच बोलने की कीमत है. मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं.”
दरअसल राहुल शनिवार (22 अप्रैल) दोपहर को तुगलक लेन बंगला पूरी तरह से खाली कर दिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को मोदी सरनेम वाली टिप्पणी पर मानहानि पर सूरत की अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके दूसरे ही दिन उनकी सांसदी भी चली गई थी. कोर्ट से उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का वक्त मिला है
कांग्रेस नेता राहुल ने कहा कि वो लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि 19 साल बाद घर खाली कर रहा हूं. ये घर देश की जनता का है, मैं अब 10 जनपथ में रहूंगा. बंगले की चाबी सौंपते वक्त वो काफी भावुक हो गए. उन्होंने चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंपी हैं. दरअसल संसद सदस्यता रद्द होने के बाद उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था.
शनिवार दोपहर बंगले से कांग्रेस नेता के सामान से भरे ट्रक बाहर जाते दिखे. इससे पहले उन्होंने 14 अप्रैल को भी अपने बंगले से ऑफिस और अपना कुछ निजी सामान ट्रांसफर किया था. इसके अलावा शुक्रवार 21 अप्रैल की शाम भी उन्होंने बंगले से कुछ सामान ट्रक में ट्रांसफर किया था.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 12, तुगलक लेन बंगला खाली करते वक्त शनिवार को कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल भी मौजूद रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह घर उन्हें देश की जनता ने दिया है और उन्हें यह फैसला स्वीकार है. वेणुगोपाल ने आगे कहा कि वह अडानी के मामले पर और मजबूती से अपनी आवाज उठाएंगे. लंबी लड़ाई है, आगे लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा, “भावुक नही थे. घर खाली करते घर जोड़ने में वक्त लगता है, जनता का फैसला स्वीकार है, ये मोदी शाह राजनीति है.”