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पुणे, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुंडमाला में रविवार को एक पुराना लोहे का पुल ढह गया, जिसमें अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। घटना में छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि 38 पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया गया है।

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है।


बरसात का रोमांच बना जानलेवा

कुंडमाला हर साल मानसून में सैकड़ों सैलानियों को आकर्षित करता है। इंद्रायणी नदी की तेज़ धाराएं और हरे-भरे पहाड़ी नज़ारे इसे एक लोकप्रिय स्थल बनाते हैं। रविवार की छुट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक वहां पहुंचे थे। लेकिन भीड़ के अत्यधिक दबाव के चलते पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया, जिससे यह दुर्घटना घटी।


तेज़ रफ़्तार में राहत और बचाव कार्य

पुलिस, अग्निशमन दल, और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की दो टीमें त्वरित रूप से मौके पर पहुंचीं। पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस, PMRDA फायर ब्रिगेड, और प्रशिक्षित गोताखोरों की मदद से नदी में तलाश अभियान चलाया गया।

अधिकारियों के अनुसार, बचाव अभियान अभी भी जारी है और किसी भी लापता व्यक्ति की तलाश पूरी होने तक राहत कार्य चलता रहेगा।


मुख्यमंत्रियों ने जताया दुख, दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन

राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (जो पुणे जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं) और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा:

“यह एक अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसके पीछे की वजहों की गहन जांच कराई जाएगी, और यदि किसी की लापरवाही पाई गई, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”


बुनियादी ढांचे की लापरवाही पर सवाल

स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है कि पुल की स्थिति पहले से ही खराब थी और इसके रखरखाव को लेकर कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज़ किया।
यह हादसा पर्यटन स्थलों की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की निगरानी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।


मुख्य बिंदु:

  • स्थान: कुंडमाला, मावल, पुणे
  • घटना: इंद्रायणी नदी पर पुराना लोहे का पुल ढह गया
  • मृतक: 4 लोगों की मौत
  • घायल: 6 लोग गंभीर रूप से घायल
  • राहत: 38 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
  • सरकारी सहायता: मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख
  • सरकारी रुख: जांच और ज़िम्मेदारों पर कार्रवाई का वादा
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