नई दिल्ली

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डीपफ़ेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजेन्स (एआई) के दुरुपयोग का ज़िक्र कियाऔ र इसे ‘बड़ी चिंता’ करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने चैटजीपीटी टीम से डीपफ़ेक वीडियो को फ़्लैग करने और इस तरह के वीडियो इंटरनेट पर सर्कुलेट होने की स्थिति में चेतावनी जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के बारे में मीडिया को लोगों को शिक्षित करना चाहिए।

केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों के पीड़ितों को पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने और ‘सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत उपलब्ध उपायों का फ़ायदा उठाने’ की सलाह दी है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले सप्ताह कहा था कि गलत सूचनाओं के फैलाव को रोकना ऑनलाइन प्लेटफार्मों की ‘कानूनी ज़िम्मेदारी’ है। उन्होंने कहा था कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा और भरोसे को ‘बेहद गंभीरता’ से लेती है और विशेष रूप से हमारे बच्चों और महिलाओं को लेकर क्योंकि उन्हें ही आमतौर पर ऐसी सामग्री द्वारा टारगेट किया जाता है।”

केंद्र सरकार कह चुकी है कि डीपफ़ेक को बनाने और फैलाने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान है और इसके तहत एक लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल तक हो सकती है।

बॉलीवुड अभिनेत्रियों रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ़ और काजोल के मॉर्फ़ किए गए चेहरों के साथ कई डीपफ़ेक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ चुके हैं, जिनसे काफ़ी आक्रोश देखा गया था।