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नई दिल्ली: शुक्रवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बेहद भावुक और अनूठे अंदाज में देश के बेहतरीन वकील राम जेठमलानी के देश की न्यायपालिका के सुधार में योगदान को लेकर याद किया। साथ ही उन्होंने कोविड के बाद से लगातार न्यायपालिका को आम लोगों तक पहुंचाने और न्याय तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की।
अदालतों की दक्षता में सुधार के लिए और भी सुझाव देते जेठमलानी
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मुझे पता नहीं है कि राम जेठमलानी इन सुधारों पर क्या प्रतिक्रिया देते। अपने मनमौजी स्वभाव के अनुरूप वो अदालतों की दक्षता में सुधार के लिए और भी सुझाव देते। लेकिन ये पक्का है कि वो सितारों पर बैठे राम और रत्ना ( राम की पत्नी) और मेरे पिता- माता यशवंत और प्रभा सब देख रहे होंगे।
राम जेठमलानी पुण्यतिथि पर सीजेआई ने कहा, “हमारे समय के महानतम लोगों में से एक, राम जेठमलानी की विरासत को याद करना एक बड़ा सम्मान रहा है। ये सब कहते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ भावुक हो गए।
उन्होंने राम जेठमलानी के साथ वकील के तौर पर बॉम्बे हाईकोर्ट में पेश होने तक की बात को याद किया। सीजेआई राम जेठमलानी जन्म शताब्दी मेमोरियल के मौके पर बोल रहे थे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राम जेठमलानी जैसे व्यक्ति को सच्ची श्रद्धांजलि यह है कि हम भी सचेत रहें और उन प्रणालियों में बदलाव का हिस्सा बनें। जिस तरह से मैं इसे देखता हूं, उन्हें सिर्फ इस बात की चिंता नहीं थी कि उन्होंने क्या पाया। उनकी इस बात में अधिक दिलचस्पी थी कि क्या जो पाया है उससे बेहतर छोड़ दिया है?
सीजेआई ने कहा कि आज का विषय बुनियादी संरचना सिद्धांत है। मैं भले ही जेठमलानी की बहुत प्रशंसा करता हूं, लेकिन एक बात जो मैं उनके साथ साझा नहीं करना चाहूंगा। वह है विवादों को जन्म देने की उनकी क्षमता। मेरा लक्ष्य अदालतों को संस्थागत बनाना है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग लंबित मामलों के प्रबंधन और कमी के लिए एक प्रणाली बनाने की प्रक्रिया में है। कॉलेजियम की आलोचनाओं में से एक यह है कि जिन लोगों की नियुक्ति पर हम विचार कर रहे हैं। उनका मूल्यांकन करने के लिए हमारे पास कोई तथ्यात्मक डेटा नहीं है।
‘न्यायाधीशों के चयन के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित करना मकसद’
सीजेआई ने कहा कि सेंटर ऑफ रिसर्च एंड प्लानिंग की मदद से, हमने एक व्यापक मंच तैयार किया है, जहां हमने देश के शीर्ष 50 न्यायाधीशों का आकलन किया है, जिनकी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा। विचार यह है कि सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियों की सिफारिश करने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए। अपनी चर्चाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में साझा करके नहीं, जो हम स्पष्ट रूप से नहीं कर सकते। लेकिन हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चयन के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित करके मेरा ध्यान अदालतों तक पहुंच में बाधाओं को कम करने, वकीलों के लिंग अनुपात में सुधार करने, यह सुनिश्चित करने पर भी है कि वकीलों और वादियों को अदालत में आराम करने की सुविधा मिले।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर मुझे इस सिद्धांत के बारे में कुछ करना है, तो मुझे इसे अपने फैसले के जरिए करना होगा, न कि अदालत से बाहर की घोषणा के जरिए। कल हमने राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड लॉन्च किया, जो एक क्लिक के साथ निपटान और लंबित मामलों की वास्तविक समय ट्रैकिंग प्रदान करेगा। इस दौरान पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।