पीएम मोदी के करीबी उद्योगपति बजट को 10 में 10 नंबर देंगे: विपक्ष
AMN / NEW DELHI
लोकसभा के आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को अधिकतर विपक्षी दलों ने निराशाजनक करार दिया। जहां कांग्रेस की पूर्व अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इससे जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि असली वाला बजट तो जुलाई में आएगा। वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से इस बजट को लेकर दावा किया गया कि इस बजट में मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए कुछ नहीं था। सिर्फ अच्छे शब्द और जुमले थे। जो भी कुछ मिला वह सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को मिला। ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इस बजट को शून्य अंक देंगे, जबकि पीएम मोदी के करीबी उद्योगपति इसे 10 में 10 नंबर देंगे।
असल बजट तो जुलाई में आएगा: फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने बजट को लेकर कहा, असल बजट तो जुलाई में आएगा। इसमें तो ऐसी कोई बात नहीं थी. यह तो पुराना ही बजट चल रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि लोगों को फायदा हो। हमारी तो यही चाहत है कि वतन आगे बढ़े और तरक्की करे। जम्मू और कश्मीर में टूरिज्म भी बढ़े और बाहर से और लोग आएंगे।
शिवसेना नेता बोलीं – ठंडे मौसम में एफएम ने उम्मीदों पर फेरा ठंडा पानी
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस ठंडे मौसम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों की उम्मीदों (बजट को लेकर) पर ठंडा पानी फेरा है। वह ज्ञान, गरीब, युवा और नारी की बात करती हैं। लेकिन उन्होंने इन सबके लिए कुछ नहीं किया। यही इस सरकार की बदकिस्मती है कि पिछले 10 साल में जो वादे उनकी ओर से किए गए, वे पूरे न किए जा सके।
बताएं, सरकार ने 10 साल में क्या किया?: प्रियांक खड़गे
कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे के सांसद बेटे प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों से कहा कि “मुझे इस बजट से कोई उम्मीद नहीं थी। पार्टी के नाते भी हमें इससे कोई आस नहीं थी। पिछले 10 साल में सिर्फ जुमलेबाजी हुई। बढ़िया नारे आए, अच्छी कैच करने वाली पंचलाइन्स लाई गईं, बड़े विज्ञापन भी दिए गए, मगर असल में कुछ नहीं हुआ। बीते साल में किसानों, श्रमिकों, युवा और महिलाओं के लिए लाए गए एक प्रोग्राम के बारे में मुझे बता दीजिए? क्या सरकार ने एफडीआई में सुधार, निवेश लाने और रोजगार को बढ़ाने लाने के लिए कुछ किया?”
“यह सिर्फ रूटीन प्रक्रिया”: कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने इससे पहले कहा था कि उन्हें इस बजट से कोई बड़े ढांचागत बदलाव की उम्मीद नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई से वह बोले, “यह एक किस्म की रूटीन प्रशासनिक प्रक्रिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब तक नई सरकार नहीं बन जाती है तब तक भारत सरकार के पास रूटीन मामले चलाने के लिए पर्याप्त रकम है। ऐसे में इस बजट से कोई बड़े सुधार या बदलाव की उम्मीद नहीं करता हूं। मुझे कोई आस नहीं है।” इस बीच, बीजेपी सांसद पीपी चौधरी ने बताया कि यह अंतरिम बजट है इसलिए इसमें सारी चीजें नहीं ली जा सकती हैं।
यह भाजपा का ‘विदाई बजट’: अखिलेश यादव
सपा चीफ और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है। भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है। यह भाजपा का ‘विदाई बजट’ है।