
संयुक्त राष्ट्र,
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रोसी ने चेतावनी दी कि परमाणु प्रतिष्ठानों पर किसी भी प्रकार का सैन्य हमला, न केवल खतरनाक है, बल्कि उससे ईरान, क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे हमले, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन हैं।
IAEA की महासभा ने भी इस बात की पुष्टि की कि परमाणु सुविधाओं पर सैन्य हमले अंतरराष्ट्रीय मानकों और सुरक्षा सिद्धांतों के विरुद्ध हैं, और इनसे विश्व शांति और स्थिरता को खतरा हो सकता है।
इस संदर्भ में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद इरवानी ने इज़राइल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका हमला कूटनीति को समाप्त करने, बातचीत को विफल करने और क्षेत्र को व्यापक संघर्ष की ओर ले जाने का एक सुनियोजित प्रयास था।
इसके विपरीत, इज़राइल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनोन ने अपने देश की कार्रवाई को “राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा” बताते हुए उचित ठहराया। उन्होंने सुरक्षा परिषद में तेहरान में लगे उस काउंटडाउन घड़ी की तस्वीर भी पेश की, जो इज़राइल के विनाश की योजना का प्रतीक मानी जा रही थी।
संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक मामलों की अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने जानकारी दी कि यह आपात बैठक ईरान के अनुरोध पर बुलाई गई थी, जिससे यह साफ झलकता है कि स्थिति कितनी संवेदनशील और गंभीर हो चुकी है।