इंद्र वशिष्ठ, 

साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, ऑनलाइन कट्टरपंथ, आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी सहित अंतरराष्ट्रीय अपराधों के बढ़ते प्रभाव के कारण आपराधिक मामले की जांच में तेज़ और वास्तविक समय में अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए सीबीआई  ने भारतपोल पोर्टल विकसित किया है। 

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल , नई दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू किया। 

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतपोल की शुरूआत के साथ अंतरराष्ट्रीय इन्वेस्टिगेशन में भारत एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। 

गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स स्मगलिंग, हथियारों की स्मगलिंग, मानव तस्करी, सीमापार से होने वाले आतंकवाद जैसे अपराधों में ये नई व्यवस्था बहुत सहायता करेगी। इस प्रकार के अपराधों के बारे में राज्यों की पुलिस फोर्स को, भारतपोल के नेटवर्क के माध्यम से 195 देशों की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर उनका सहयोग प्राप्त करने में बहुत सहायता मिलेगी। भारतपोल के माध्यम से भारत की हर जांच एजेंसी और पुलिस फोर्स बहुत सरलता के साथ इंटरपोल के साथ जुड़ कर जांच को गति दे सकेगी।

इंटरपोल नोटिस के लिए अनुरोधों का त्वरित, सुरक्षित और संरचित प्रसारण भी इससे सुनिश्चित हो जाएगा, जिससे हम भारत के अपराधियों और दुनियाभर के अपराधियों को भारत में तेज़ गति से खोजने की एक वैज्ञानिक व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे। 

195 देशों के इंटरपोल के माध्यम से विदेशों में जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता लेना और देना बहुत सरल हो जाएगा। 

भारतपोल पोर्टल, भारतीय जांच एजेंसियों को वास्तविक समय पर सूचना साझा करने में सक्षम बनाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग तक त्वरित पहुंच संभव होगी।

भारतपोल पोर्टल, इंटरपोल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए सभी अनुरोधों पर कार्रवाई को सुव्यवस्थित करेगा, जिसमें रेड नोटिस  और अन्य नोटिस जारी करना शामिल है। भारतपोल पोर्टल, क्षेत्र स्तर के पुलिस अधिकारियों के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण बनेगा, इससे अपराधों व सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में उनकी कार्यकुशलता बढ़ेगी। अंतर्राष्ट्रीय सहायता तक आसान और तेज़ पहुँच की सुविधा प्रदान कर,भारतपोल अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में भारत के प्रयासों को मजबूत करेगा।

भारत में इंटरपोल के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो, नई दिल्ली के रूप में सीबीआई, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देशभर की विभिन्न एजेंसियों  के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग में मदद करता है। केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर यह समन्वय इंटरपोल संपर्क अफसर के माध्यम से किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों में पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर यूनिट अफसरों से जुड़े होते हैं। वर्तमान में सीबीआई, इंटरपोल संपर्क अफसर और यूनिट अफसर के बीच संचार मुख्य रूप से पत्रों, ईमेल और फैक्स पर निर्भर करता है। 

गृह मंत्री ने कहा कि कई सालों तक भारत में अपराध कर दुनिया के अन्य देशों में भाग जाने वाले अपराधी हमारे कानूनों की पकड़ से बाहर रहे हैं। अब समय आ गया है कि आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग कर कानून की पहुंच से बाहर रहे अपराधियों को हमारे कानून की गिरफ्त में लाया जाए। तीन नए आपराधिक कानूनों में अपराधी की अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत एक न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित कर कोर्ट के आदेश के साथ भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में उन पर केस चलाना सरल हो जाएगा।  इन अपराधियों को भारतीय अदालतों से सज़ा मिलने के बाद उन्हें विदेशों से भारत लाना सरल हो जाएगा। इस नए प्रावधान और भारतपोल के माध्यम से हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सज़ा दिलाना बहुत सरल हो जाएगा।