Diella

AMN / तिरेना
अल्बानिया ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक अनोखा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री एदी रामा ने घोषणा की है कि उनकी कैबिनेट में दुनिया की पहली एआई (Artificial Intelligence) से निर्मित मंत्री शामिल की गई है। इस डिजिटल मंत्री का नाम “दीएला” (Diella) रखा गया है, जिसका अर्थ अल्बानियाई भाषा में “सूरज” होता है।

जनवरी से सक्रिय भूमिका
दीएला को इस वर्ष जनवरी से ऑनलाइन माध्यम से नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। अब उसे आधिकारिक रूप से मंत्री का दर्जा दिया गया है और उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी—सभी सार्वजनिक टेंडरों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाना।

प्रधानमंत्री एदी रामा ने कहा: “हर सार्वजनिक फंड, जो टेंडर प्रक्रिया में जाएगा, दीएला की निगरानी में होगा। एआई के साथ कोई पक्षपात या गुप्त सौदे संभव नहीं रहेंगे। अब पूरी प्रक्रिया 100 प्रतिशत पारदर्शी होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि यह कदम न केवल अल्बानिया के लिए बल्कि पूरी दुनिया के उन देशों के लिए एक उदाहरण है जो भ्रष्टाचार से जूझ रहे हैं।

टेक्नोलॉजी से सुशासन का नया प्रयोग
विशेषज्ञों के अनुसार, एआई मंत्री की नियुक्ति डिजिटल गवर्नेंस का साहसिक प्रयोग है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो सरकार अरबों यूरो के नुकसान से बच सकती है।

जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
अल्बानियाई जनता का इस पर मिला-जुला रुख सामने आया है। कुछ लोगों ने इसे “साफ-सुथरे शासन की दिशा में क्रांति” बताया है, जबकि आलोचकों का सवाल है कि क्या एआई मानवीय और राजनीतिक पहलुओं के बिना जटिल सरकारी कामकाज संभाल पाएगा।
फिर भी, पारदर्शिता के समर्थकों का मानना है कि यह प्रयोग सावधानीपूर्वक आगे बढ़े तो पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बन सकता है।

वैश्विक महत्व
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कई देश कर वसूली, न्याय व्यवस्था और डिजिटल प्रशासन में एआई के इस्तेमाल की ओर बढ़ रहे हैं। मगर अल्बानिया ने एआई को कैबिनेट का हिस्सा बनाकर नई मिसाल कायम की है।

फिलहाल, दीएला भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई में अल्बानिया के लिए एक नई उम्मीद और उजाले का प्रतीक बन गई है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या यह “सूरज” सच में सरकारी तंत्र के अंधेरे कोनों को रोशन कर पाएगा।

ए आई मंत्री: समाधान या तमाशा?

इस पृष्ठभूमि में, दीएला की एंट्री ने लोगों को रोमांचित भी किया है और हंसी का पात्र भी बनाया है। प्रधानमंत्री रामा का कहना है कि यह एआई अधिकारी सार्वजनिक धन को भ्रष्टाचार से बचाएगा, लेकिन संदेह जताने वाले पूछ रहे हैं कि मानव निगरानी का क्या होगा और सिस्टम को ही हेरफेर से बचाने के लिए कौन-से सुरक्षा उपाय मौजूद हैं।

एक फेसबुक उपयोगकर्ता ने लिखा: “अल्बानिया में तो दीएला भी भ्रष्ट हो जाएगी।”
दूसरे ने टिप्पणी की: “चोरी तो चलती रहेगी, बस अब दोष दीएला पर मढ़ दिया जाएगा।”

ई-गवर्नेंस से कैबिनेट तक

इस साल की शुरुआत में ई-गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म के हिस्से के रूप में दीएला को लॉन्च किया गया था। तब यह सिर्फ एक डिजिटल असिस्टेंट थी, जो नागरिकों को राज्य के दस्तावेज़ प्राप्त करने में मदद करती थी। पारंपरिक अल्बानियाई परिधान में सजी इस वर्चुअल सहायक ने इलेक्ट्रॉनिक कागजी कार्यवाही को तेज किया और विलंब को घटाया।
लेकिन अब, उसका कैबिनेट स्तर तक पहुँचना अभूतपूर्व है—यह एक ऐसा प्रयोग है जिसमें राजनीतिक रंगमंच और तकनीकी महत्वाकांक्षा का संगम दिखाई देता है।

निजी हित और टोनी ब्लेयर की भूमिका

इस परियोजना ने अपनी उत्पत्ति को लेकर विवाद भी पैदा किया है। जहाँ रामा ने दीएला को एक सरकारी नवाचार बताया है, वहीं स्थानीय मीडिया का दावा है कि यह पहल टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज से गहराई से जुड़ी हुई है। यह संस्थान सार्वजनिक रूप से “दीएला 2.0” और आने वाले “3.0” संस्करण को अपने डिजिटल गवर्नेंस पोर्टफोलियो का हिस्सा बताता है, जिसे आंशिक रूप से अंतरराष्ट्रीय दाताओं द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है।