Last Updated on December 28, 2025 1:39 pm by INDIAN AWAAZ

AMN / NEWS DELHI
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर अपने वर्षांत कार्यक्रम मन की बात में वर्ष 2025 को भारत के लिए आत्मविश्वास, उपलब्धियों और सांस्कृतिक गौरव से भरा वर्ष बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर खेल, विज्ञान, अंतरिक्ष और विश्व मंच तक, भारत ने हर क्षेत्र में अपनी मजबूत छाप छोड़ी है। इस अवसर पर उन्होंने तमिल और कन्नड़ भाषाओं के संरक्षण और प्रचार को भारत की समृद्ध विरासत का प्रतीक बताते हुए विशेष रूप से रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 ने देशवासियों को अनेक ऐसे क्षण दिए जिन पर हर भारतीय गर्व कर सकता है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की सुरक्षा नीति और संकल्प का प्रतीक बन गया है और दुनिया ने स्पष्ट रूप से देख लिया कि आज का भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता।
उन्होंने वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर देशभर में दिखे उत्साह की सराहना की और #VandeMataram150 अभियान में लोगों की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति देशवासियों की गहरी भावना को दर्शाता है।
खेल जगत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती, जबकि महिला टीम ने पहली बार विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने महिला ब्लाइंड टी20 विश्व कप में भारत की बेटियों की जीत और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पैरा-एथलीटों की भी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि एशिया कप टी20 में भी तिरंगा शान से लहराया।
विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी छलांग का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बने, जो देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि नवाचार और तकनीक में भारत की प्रगति ने दुनिया को प्रभावित किया है।
संस्कृति और आस्था की बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ और अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह ने पूरे देश को गौरवान्वित किया। उन्होंने स्वदेशी के प्रति बढ़ते रुझान पर भी संतोष जताया और कहा कि लोग अब वही उत्पाद खरीद रहे हैं जिनमें भारतीय श्रम की खुशबू है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में तमिल और कन्नड़ भाषा के संरक्षण और प्रचार को विशेष महत्व दिया। उन्होंने फिजी में तमिल भाषा को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की, जहां राकी-राकी के एक स्कूल में पहली बार तमिल दिवस मनाया गया। बच्चों ने तमिल में कविताएं सुनाईं, भाषण दिए और अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह तमिल भाषा की वैश्विक पहुंच और जीवंतता का प्रमाण है।
देश के भीतर तमिल को प्रोत्साहित करने के लिए वाराणसी में आयोजित चौथे काशी तमिल संगमम् का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक सेतु मजबूत हुआ है। इस वर्ष ‘लर्न तमिल – तमिल करकलम’ अभियान के तहत वाराणसी के 50 से अधिक स्कूलों में विशेष कार्यक्रम चलाए गए। उन्होंने कहा कि तमिल दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है और उसका साहित्य अत्यंत समृद्ध है।
कन्नड़ भाषा के संरक्षण के लिए उन्होंने दुबई के कन्नड़ पाठशाले का उदाहरण दिया, जहां एक हजार से अधिक बच्चे कन्नड़ पढ़ना, लिखना और बोलना सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के ये प्रयास यह दिखाते हैं कि आधुनिक जीवन के साथ-साथ अपनी जड़ों से जुड़े रहना कितना जरूरी है।
युवाओं की भागीदारी पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने राष्ट्रीय युवा दिवस पर विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग का दूसरा संस्करण आयोजित होगा। इस कार्यक्रम से जुड़े क्विज में 50 लाख से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया, जबकि निबंध प्रतियोगिता में तमिलनाडु पहले और उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा।
उन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 की भी सराहना की, जिसमें छात्रों ने ट्रैफिक प्रबंधन, साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी जैसी वास्तविक समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए। उन्होंने युवाओं से ऐसे मंचों पर आगे बढ़कर भाग लेने का आह्वान किया।
इतिहास और विरासत की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के बारामुला में मिले प्राचीन बौद्ध स्तूपों का जिक्र किया, जो कश्मीर के दो हजार वर्ष पुराने गौरवशाली अतीत की याद दिलाते हैं।
आगामी 77वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और ओडिशा की परवती गिरी को श्रद्धांजलि दी, जिनकी जन्म शताब्दी जनवरी 2026 में मनाई जाएगी। उन्होंने लोगों से “अनसंग हीरोज” वेबसाइट पर जाकर ऐसे महान व्यक्तित्वों के बारे में जानने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि इन्हें केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए, क्योंकि इनके गलत इस्तेमाल से कई बीमारियों पर दवाएं असरहीन हो रही हैं।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2026 में नई उम्मीदों और संकल्पों के साथ प्रवेश करने को तैयार है और विकसित भारत की दिशा में यह वर्ष एक अहम पड़ाव होगा। उन्होंने फिट इंडिया आंदोलन से जुड़ने और स्वस्थ रहने का आह्वान किया।
