
AMN / भोपाल
केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि हाल ही में किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में बदलाव किसानों के लिए “वरदान” साबित होंगे। भोपाल में 6 सितंबर 2025 को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इन सुधारों से छोटे और मध्यम किसानों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा, क्योंकि कृषि उपकरणों, इनपुट्स और सहायक क्षेत्रों के उत्पाद अब सस्ते हो जाएंगे। चौहान ने जोर देकर कहा कि ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विज़न को आगे बढ़ाते हैं और ग्रामीण परिवारों का बोझ कम करने के साथ उत्पादकता को भी बढ़ाएंगे।
मंत्री ने बताया कि जैव कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी कम कर दिया गया है, जिससे किसान रासायनिक खादों की बजाय प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर बढ़ेंगे। डेयरी क्षेत्र में दूध और पनीर पर अब जीएसटी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, जिससे न केवल उपभोक्ताओं को फायदा होगा बल्कि किसानों, दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों को भी सीधा लाभ मिलेगा। “मक्खन, घी और दूध के कनस्तरों पर कर में कमी से हमारी पारंपरिक दुग्ध अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी,” चौहान ने कहा।
उन्होंने विस्तार से समझाया कि कृषि मशीनरी पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे किसानों की जेब में सीधी बचत होगी। उदाहरणस्वरूप, 35 एचपी ट्रैक्टर पर लगभग 41 हज़ार रुपये की बचत होगी, जबकि 75 एचपी ट्रैक्टर लगभग 63 हज़ार रुपये सस्ता हो जाएगा। छोटे औज़ारों पर भी भारी बचत होगी — धान रोपाई मशीन 15,400 रुपये सस्ती, मल्टी क्रॉप थ्रेशर 14,000 रुपये सस्ता और पावर वीडर लगभग 5,500 रुपये सस्ता मिलेगा। चौहान ने कहा, “इससे किसानों की लागत घटेगी, आधुनिक मशीनरी तक उनकी पहुंच बढ़ेगी और उत्पादन बेहतर होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि एकीकृत खेती — जिसमें पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन, वानिकी और पोल्ट्री शामिल हैं — को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। मछली, शहद, संरक्षित फल-सब्ज़ियों और प्रसंस्कृत उत्पादों पर कर राहत ने इन क्षेत्रों को नई दिशा दी है। कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को भी इसका सीधा लाभ होगा।
ग्रामीण विकास में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर बल देते हुए चौहान ने कहा, “लखपति दीदी अभियान को और मजबूती मिलेगी। हस्तशिल्प, चमड़े के सामान और डेयरी उत्पादों पर छूट से ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी।”
कृषि के अलावा, ग्रामीण आवास और बुनियादी ढांचे की लागत भी कम होगी। सीमेंट और लोहे पर कर में कमी से प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान सस्ते होंगे और आंगनवाड़ी केंद्रों, पंचायत भवनों और विद्यालयों का निर्माण भी आसान होगा। ड्रिप सिंचाई जैसे ऊर्जा आधारित उपकरण अब सस्ते होंगे, जिससे पानी की बचत के साथ उत्पादन और लाभ दोनों बढ़ेंगे।
चौहान ने बताया कि अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जैसे उर्वरक कच्चे माल पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे उर्वरकों की कीमतें गिरेंगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “ये सुधार केवल कर संबंधी बदलाव नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने वाले कदम हैं। लागत घटेगी, मांग बढ़ेगी, और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”
मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये “क्रांतिकारी बदलाव” 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। “हमारा संकल्प है कि उत्पादन की लागत घटे, पैदावार बढ़े और किसानों की आमदनी दोगुनी हो। यही आत्मनिर्भर भारत की असली दिशा है,” उन्होंने कहा।
