
R. Suryamurthy
भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान का सख्त विरोध करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को “मृत” कहे जाने की आलोचना को पूरी तरह खारिज कर दिया है। ट्रंप के इस बयान और भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के फैसले के जवाब में भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका, विकास दर और भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए इसे “भ्रामक और अनुचित” हमला करार दिया।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने संसद के दोनों सदनों में बोलते हुए भारत की आर्थिक मजबूती और विकास के पथ का मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा कि “पिछले एक दशक में भारत तथाकथित ‘फ्रैजाइल फाइव’ (कमजोर अर्थव्यवस्थाओं) की सूची से निकलकर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जबकि एक दशक पहले इसका स्थान ग्यारहवां था।
गोयल ने कहा कि आज विश्व की प्रतिष्ठित संस्थाएं और अर्थशास्त्री भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का “उज्ज्वल केंद्र” (Bright Spot) मानते हैं, और भारत वैश्विक विकास में 16% का योगदान दे रहा है।
अमेरिकी टैरिफ और प्रतिबंध: दबाव की रणनीति?
अमेरिका द्वारा एक अगस्त से भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की घोषणा, और भारत के रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर अतिरिक्त “दंडात्मक कदम” उठाने का निर्णय, विश्लेषकों के अनुसार, दबाव की रणनीति है ताकि भारत से व्यापारिक रियायतें ली जा सकें।
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत की टैरिफ नीति को “दुनिया में सबसे ऊँची” और व्यापारिक अड़चनों को “अस्वीकार्य और अपमानजनक” बताया है। साथ ही अमेरिका ने छह भारतीय कंपनियों पर ईरानी मूल की पेट्रो-रसायनिक वस्तुओं की खरीद के कारण प्रतिबंध भी लगाए हैं।
भारत का जवाब और संभावित असर
मंत्री पियूष गोयल ने आश्वासन दिया कि सरकार इन घटनाओं के प्रभाव का गहन विश्लेषण कर रही है और सभी हितधारकों, जैसे कि निर्यातक, उद्योग जगत और एमएसएमई क्षेत्र से लगातार संवाद कर रही है।
उन्होंने कहा, “सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, उद्योगपतियों, निर्यातकों और लघु-मझोले उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
प्रभावित क्षेत्र और अनुमानित नुकसान
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनविस ने अनुमान लगाया कि इन अमेरिकी शुल्कों से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर 0.2 प्रतिशत का नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि समग्र स्तर पर झटका सीमित रहेगा, लेकिन कुछ विशेष निर्यात क्षेत्रों पर गंभीर असर हो सकता है।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र:
- परिधान और वस्त्र: अमेरिका भारत के परिधान निर्यात का लगभग 33% हिस्सा है। कॉटन टी-शर्ट्स, महिलाओं के कॉटन परिधान और बच्चों के वस्त्र सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
- कीमती रत्न और आभूषण: वैश्विक प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए रणनीतियों में बदलाव आवश्यक होगा।
- ऑटो पार्ट्स: अमेरिका में निर्यात पर लागत बढ़ेगी।
- चमड़ा उत्पाद: वस्त्र क्षेत्र की तरह, इस क्षेत्र को भी नई टैरिफ संरचना के अनुसार ढलना होगा।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और औषधि क्षेत्र: इलेक्ट्रॉनिक्स पर स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन औषधि क्षेत्र को कुछ राहत मिल सकती है।
सबनविस ने यह भी बताया कि इन क्षेत्रों में अधिकांश इकाइयाँ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं, जिन्हें सरकार की ओर से विशेष सहयोग और “हैंडहोल्डिंग” की आवश्यकता होगी।
उद्योग संगठनों की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
फिक्की (FICCI) ने अमेरिकी निर्णय पर निराशा व्यक्त की, लेकिन यह भी आशा जताई कि यह स्थिति अस्थायी होगी और द्विपक्षीय व्यापार समझौता जल्द ही तय किया जाएगा। अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, “यह कदम निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, लेकिन हम आशा करते हैं कि यह अस्थायी होगा और दोनों देशों के बीच एक स्थायी व्यापार समझौता शीघ्र संपन्न होगा।”
मार्च 2025 से भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर वार्ता जारी है, जिसका पहला चरण अक्तूबर-नवंबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
पियूष गोयल ने कहा कि भारत किसी भी जल्दबाज़ी में समझौता नहीं करेगा। “हम केवल ऐसे समझौते में विश्वास रखते हैं जो राष्ट्रीय हित में और आपसी लाभकारी हों।”
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत अन्य देशों जैसे संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और ईएफटीए देशों के साथ पहले ही सफल व्यापार समझौते कर चुका है।
‘विकसित भारत 2047’ की ओर मजबूत कदम
सरकार ने भरोसा जताया है कि भारत का समावेशी और टिकाऊ विकास का मार्ग अविचलित रहेगा, और देश “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास से आगे बढ़ता रहेगा। आने वाले सप्ताह भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों के भविष्य और नीतिगत विकल्पों के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
