
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और ब्राज़ील के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 12.2 अरब डॉलर से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 20 अरब डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। ब्राज़ील की राजधानी ब्रासीलिया में ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही।
दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देने के लिए मर्कोसुर वरीयता व्यापार समझौते के दायरे को विस्तारित करने पर सहमति बनी है, जिससे अधिक उत्पाद शामिल किए जा सकें और भारतीय निर्यातकों को बेहतर बाजार पहुंच मिल सके। मर्कोसुर एक क्षेत्रीय व्यापार समूह है, जिसमें ब्राज़ील, अर्जेंटीना, पराग्वे और उरुग्वे शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की सफल डिजिटल भुगतान प्रणाली—यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)—को ब्राज़ील में लागू करने की योजना की भी घोषणा की। उन्होंने कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। कृषि तकनीक और वैल्यू-एडेड फूड एक्सपोर्ट्स को भी व्यापार में विस्तार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्राज़ील का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस प्रदान किया गया। राष्ट्रपति लूला ने यह सम्मान भारत-ब्राज़ील संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक मंचों पर सहयोग को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री मोदी के योगदान के लिए दिया।
भारत और ब्राज़ील के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं के बाद विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व), पेरियासामी कुमारन ने मीडिया को वार्ता की मुख्य जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने भारतीय दवाओं को सस्ती दरों पर ब्राज़ील में पहुंच देने के विचार का स्वागत किया और भारतीय फार्मा कंपनियों को ब्राज़ील में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने का आमंत्रण भी दिया।
व्यापारियों और पर्यटकों के लिए वीज़ा प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही ब्राज़ील में मौजूद महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों तक भारत की पहुंच बढ़ाने और भारतीय निवेश या संयुक्त उपक्रम के ज़रिए इनके दोहन की संभावनाएं तलाशने पर भी बात हुई। राष्ट्रपति लूला ने बताया कि दुर्लभ खनिजों पर बनने वाली नई नीति में भारतीय कारोबारियों को प्रोत्साहन देने का प्रावधान होगा।
वार्ता के दौरान तीन समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए—आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से संबंधित खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान, बायोफ्यूल (विशेष रूप से एथनॉल मिश्रित ईंधन) और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग।
सचिव कुमारन ने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही तीन और समझौते किए जाएंगे, जो कृषि अनुसंधान, गोपनीय जानकारी के आदान-प्रदान और बौद्धिक संपदा कानूनों से संबंधित होंगे।
