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गृहमंत्री अमित शाह ने आज आंतरिक सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए पुलिस प्रौद्योगिकी आयोग की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जागरूकता, तत्परता और कार्य दक्षता के तीन मंत्रों से आयोग पुलिस को हेड-कॉस्टेबल से लेकर महानिदेशक तक को तकनीक में प्रवीण करेगा और सुरक्षा बलों को आने वाले समय में चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा। हैदराबाद में आज सुबह सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में, भारतीय पुलिस सेवा के 74वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों की दीक्षांत परेड को संबोधित करते हुए श्री शाह ने 74वें बैच को अमृत काल बैच नाम दिया।
श्री अमित शाह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों से आंतरिक सुरक्षा के तीन संवेदनशील क्षेत्रों में हिंसा में कमी आई है। उन्होंने कहा कि मजबूत राजनीतिक इरादों और सुरक्षाबलों की शक्ति से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्तर में अराजकता और देश के कुछ हिस्सों में वांमपंथी उग्रवाद में कमी आई है। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षित अधिकारियों से पुलिस व्यवस्था को मजबूत और प्रासंगिक बनाने के लिए हमेशा जवाबदेह और लोगों के लिए उपलब्ध और तैयार रहने के लिए कहा।
गृहमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध, डाटा दुरुपयोग और गलत सूचना जैसे उभरते अपराधों के कारण सुरक्षा परिदृश्य में भी बदलाव हो रहा है। नए परिदृश्य में नए अपराधों को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए हमें भी बहुआयामी पुलिस व्यवस्था अपनानी चाहिए। उन्होंने आईपीएस अधिकारियों को देश के आर्थिक केंद्रों और गरीबों को सुरक्षा मुहैया कराने तथा अपराधों की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। दीक्षांत परेड में 37 महिला अधिकारी और 29 विदेशी पुलिस अधिकारी सहित 187 आई.पी.एस. प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।