प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिर कहा है कि कोविड-19 से निपटने का एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे के साथ सम्पर्क के समय पर्याप्त दूरी बनाये रखना है। आज बनारस के लोगों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वायरस लोगों में कोई भेद नहीं करता और किसी में भी इसका संक्रमण हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद वे चेतावनियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जो बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों, एयर लाइन कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं से उन्हें बहुत तकलीफ हुई है, क्योंकि यही लोग कोविड-19 से संघर्ष में अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस तरह के मामलों में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि डॉक्टर और नर्स जैसे चिकित्साकर्मी देवदूत के समान हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों की खातिर अपना जीवन दांव पर लगाने वाले चिकित्साकर्मियों का सम्मान किया जाना चाहिए। श्री मोदी ने संकट की इस घड़ी में गरीबों को हर तरह से मदद करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें अगले 21 दिनों में रोजाना कम से कम नौ गरीब परिवारों को मदद करने का संकल्प लेना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने ह्वाट्एप से सम्पर्क कर हेल्प डेस्क बनाई है, ताकि लोगों को कोरोना वायरस के बारे में भरोसेमंद सूचनाएं दी जा सकें। इसकेलिए टेलीफोन नं.- 9013151515 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में काशी के लोग कोविड-19 के खिलाफ इस महायुद्ध का नेतृत्व कर सकते हैं और देशवासियों को धैर्य, करुणा और शांति का सबक सिखा सकते हैं।
श्री मोदी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आज सुबह एक गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति सम्वेदना भी व्यक्त की। वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में श्री मोदी ने लोगों के सवालों के जवाब भी दिये।