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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से आज अहमदाबाद से पश्चिम बंगाल की चार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में बोइंची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, दनकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन, निमतिता-न्यू फरक्का डबल लाइन और अंबारी फलाकाटा- न्यूमयनागुरी- गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए भी आधारशिला रखी। उन्होंने हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई और जोका-एस्पलेनैड मेट्रो परियोजना-पर्पल लाइन के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में कहा कि जिस स्‍थान से वंदे मातरम का उद्घोष हुआ था, आज वहीं से वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई गई। उन्होंने कहा कि भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान चार सौ 75 वंदे भारत रेल शुरू करने का संकल्प लिया था। हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना होने वाली गाड़ी उनमें से एक है। प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार इन्‍हें पूरा करने के लिए लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

श्री मोदी ने रेलवे के सुधारों और विकास को देश के विकास से जोड़ते हुए कहा कि भारतीय रेलवे को बदलने का देशव्यापी अभियान चल रहा है। उन्होंने वंदे भारत, तेजस, हम सफर और विस्टाडोम कोच जैसी आधुनिक रेल और स्टेशनों के आधुनिकीकरण, लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का उदाहरण दिया। उन्होंने भार वहन में बड़ा बदलाव लाने वाली परियोजनाओं के रूप में पूर्वी और पश्चिमी माल ढुलाई कॉरिडोर का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेट्रो रेल प्रणाली आज देश के विकास की गति का उदाहरण है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले मेट्रो नेटवर्क दो सौ पचास किलोमीटर से कम था। अब लगभग आठ सौ किलोमीटर लंबे ट्रैक पर मेट्रो चल रही है और एक हजार किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो रूट पर काम चल रहा है। पहले मेट्रो परियोजना का अधिकतर हिस्‍सा दिल्ली-एनसीआर में था। लेकिन पिछले सात-आठ वर्षों में 24 से अधिक शहरों में फैल गया है।