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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हाल ही में संसद में पारित कृषि विधेयकों और श्रम कानूनों से देश के किसान और कामगारों को अनावश्यक कानूनों के जंजाल से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वे झूठ और दुष्प्रचार के जरिए देश के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कृषि विधेयकों और सरकार के श्रम सुधारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद से सत्तारूढ ताकतों ने केवल झूठे वायदों के जरिए किसानों और कामगारों से राजनीतिक लाभ हासिल करने का प्रयास किया।

श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि इन कृषि विधेयकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र को बहुप्रतीक्षित स्वतंत्रता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब किसान मौजूदा मंडियों के अतिरिक्त देश में कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे। श्री मोदी ने कहा कि नए कानूनों से प्रत्येक सौ में से 85 किसानों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे देश के किसानों के पास जाएं और उन्हें इन कानूनों के फायदे समझाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक सुधार किए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी में डेढ गुणा वृद्धि और कृषि उपज की सरकारी खरीद में कई गुणा बढोतरी का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र में ऐसे सुधार किए हैं जिनकी लंबे समय से जरूरत थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की मदद के लिए उनके खातों में एक लाख करोड़ रूपए से अधिक भेजे गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड- केसीसी के महत्व पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि डेयरी उद्योग और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को भी यह सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि के.सी.सी. स्कीम के तहत एनडीए सरकार ने अब तक करीब 35 लाख करोड़ रूपए प्रदान किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों पर अलग-अलग कानून के प्रावधान लागू होते थे और उन्हें मजदूरी के भुगतान का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। श्री मोदी ने कहा कि हाल ही में संसद में पारित ऐतिहासिक श्रम सुधार संहिता से मजदूरों को एक समान मजदूरी मिलेगी, उनका आदर बढ़ेगा और उनके कानूनी अधिकारों की गारंटी भी मिलेगी। सरकार के अन्य सुधारों की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आयकर रिटर्न की फेसलैस कर आकलन प्रणाली और अपील व्यवस्था से इमानदार करदाताओं का जीवन और आसान बनेगा।

श्री मोदी ने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था, अर्थशास्त्र और अन्य विविध क्षेत्रों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार और शिक्षा आने वाली पीढियों को प्रेरित करते रहेंगे। श्री मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ऐसे समय में भी स्वदेशी पर बल दिया था जब तत्कालीन सरकारों ने विदेशी आयात पर आधारित आर्थिक वृद्धि के मॉडल को अपनाया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भी पार्टी कार्यकर्ता संकट में फंसे लोगों की मदद का प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने वैश्विक महामारी से बचने के लिए लोगों से स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करने, मास्क लगाने और सुरक्षति दूरी बनाए रखना का आग्रह किया।

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