रोगियों के ठीक होने की दर बढकर लगभग 20 प्रतिशत हुई
AMN
देश में कोविड-19 रोगियों के ठीक होने की दर 19 दशमलव आठ नौ प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटों में एक हजार दो सौ 29 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या 21 हजार सात सौ। इनमें से चार हजार तीन सौ 25 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। कोविड-19 से अब तक छह सौ 86 रोगियों की मृत्यु हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि देश के 78 जिलों में पिछले 14 दिन में किसी व्यक्ति को संक्रमण नहीं हुआ। 12 जिलों में पिछले 28 दिन में किसी भी व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा घोषित छूट की जानकारी दी। केन्द्र ने स्पष्ट किया है कि बुजुर्गों को घर में स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने, प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज सुविधाओं तथा शहरी क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लॉकडाउन के प्रतिबंधों से छूट दी गई है। देश में सडक निर्माण, ईंट भट्टों और सीमेंट कारखानों को भी कुछ गतिविधियां जारी रखने की छूट दी गई हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्यों में ऐसे क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधि को छूट दी गई है जो दिशानिर्देशों के अनुसार हॉटस्पॉट नहीं है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के प्रवक्ता ने बताया कि देश में तीन सौ 25 प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की जांच की जा रही है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण की दर चार दशमलव पांच प्रतिशत रही है और यह कहा जा सकता है कि हम इसे नियंत्रित रखने में समर्थ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ काम कर रहा है कि जांच प्रयोगशालाओं में अपेक्षित रीजेंट समय से पहुंच जायें।
नई दिल्ली में एम्स के निदेशक ने कहा है कि कोविड-19 रोगी अत्यधिक चुनौतियों और कलंक का सामना कर रहे हैं जो न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के रोगियों का ठीक होना जीत का प्रतीक है। अब ऐसे रोगियों तक पहुंचने की आवश्यकता है जो कलंक के कारण सामने नहीं आ रहे हैं। एम्स के निदेशक ने कहा है कि कोविड-19 से संबंधित कलंक के कारण रोगी सामने नहीं आ रहे हैं अथवा सांस लेने में गंभीर शिकायत के बाद बहुत देर से सामने आ रहे हैं।