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केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। एक समाचार एजेंसी के साथ साक्षात्‍कार में उन्‍होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्‍य को अगले पांच वर्षों में समृद्ध बनाने के लिए जनादेश मांग रही है। उन्‍होंने कहा कि पार्टी के नेतृत्‍व में सरकार ने विकास के लिए कई पहल की हैं। श्री शाह ने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा का नारा ‘चलो पलटाई’ केवल सत्‍ता में आने का नारा नहीं था, बल्कि यह त्रिपुरा की स्थिति में बदलाव के लिए दिया गया था। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस और मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ने हाथ मिला लिया है, जिससे यह पता चलता है कि वे अकेले भाजपा को हराने की स्थिति में नहीं हैं। श्री शाह ने कहा कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी सीटों और वोट में बढ़ोत्‍तरी करेगी। त्रिपुरा में नई विधानसभा के लिए गुरूवार को मतदान होगा। गृह मंत्रालय ने कहा कि भाजपा के नेतृत्‍व वाली सरकार ने पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में स्‍थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्‍तर के कलाकारों की भागीदारी के बिना दिल्‍ली में कोई बड़ा सरकारी कार्यक्रम नहीं होता। उन्‍होंने कहा कि पूर्वोत्‍तर के लोगों के कल्‍याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में कई कदम उठाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि पार्टी कर्नाटक में भी पूर्ण बहुमत के साथ वापस आएगी।

जम्‍मू-कश्‍मीर को फिर से राज्‍य का दर्जा देने के बारे में बोलते हुए श्री शाह ने कहा कि उन्‍होंने स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि चुनाव के बाद राज्‍य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में मतदाता सूची बनाने की तैयारी की प्रक्रिया पूरी होने वाली है और निर्वाचन आयोग वहां चुनाव कराने पर निर्णय लेगा। अनुच्‍छेद-370 पर श्री शाह ने कहा कि 1950 से यह हमारे एजेंडे में था कि जम्‍मू-कश्‍मीर को 370 को हटाना है। उन्‍होंने कहा कि इसे हटाए जाने के बाद राज्‍य में विकास कार्यों में तेजी आई है और आतंकवादी गतिविधियों में भी उल्‍लेखनीय रूप से कमी हुई है। वामपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में बिहार और झारखण्‍ड से इसका लगभग सफाया कर दिया गया है। इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए उन्‍होंने कहा कि 20 वर्षों में पहली बार स्‍थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों की मृत्‍यु की घटनाएं एक सौ से नीचे दर्ज की गई हैं। जी-20 के विषय पर श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत ने जी-20 की अध्‍यक्षता ग्रहण की है और उन्‍हें सफल जी-20 शिखर सम्‍मेलन का श्रेय दिया जाना चाहिए। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया-पीएफआई के मुद्दे पर श्री शाह ने कहा कि सरकार ने इस पर सफलतापूर्वक प्रतिबंध लगा दिया है, क्‍योंकि इसके कारण देश में कट्टरपंथ फैल रहा था। उन्‍होंने कहा कि पीएफआई आतंकवाद के लिए कच्‍चा माल तैयार करने का प्रयास कर रहा था और सरकार के पास ऐसे बहुत से दस्‍तावेज हैं, जिनसे सिद्ध होता है कि पीएफआई की गतिविधियां देश की एकता के लिए अच्‍छी नहीं थीं। पूर्वोत्‍तर में उग्रवाद पर श्री शाह ने कहा कि वहां अब शांति है और भाजपा सरकार ने बहुत से उग्रवादी समूहों के साथ समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए हैं। उन्‍होंने बताया कि आठ हजार से अधिक हथियारबंद उग्रवाद समर्थकों ने आत्‍मसमर्पण कर दिया और मुख्‍यधारा में शामिल हो गए। श्री शाह ने कहा कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र पहले नाकाबंदी, बंद, बम धमाकों और उग्रवाद के लिए जाना जाता था, जबकि अब वह सड़क, रेल और हवाई सुविधाएं प्राप्‍त कर रहा है।

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