नई दिल्ली

भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस समारोह मना रहा है। जिसमें कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान दुनिया ने भारत का शक्ति प्रदर्शन देखा। सैनिकों के अभिभूत करने वाले मार्चिंग दस्ते, मिसाइलें, टैंक, लड़ाकू विमानों ने कर्तव्य पथ पर ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे देखकर दर्शक जोश से भर गए। इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

परेड की शुरुआत राष्ट्रपति मुर्मू के सलामी लेने के साथ हुई

गणतंत्र दिवस परेड में स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर्स ने जमीन, पानी और हवा में समन्वित ऑपरेशन का प्रदर्शन किया गया। तीनों सेनाओं की झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ था। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सलामी लेने के साथ हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी, विदेशी राजनयिक और वरिष्ठ अधिकारी भी गणतंत्र दिवस समारोह के साक्षी बने।

सेना ने युद्धक टैंक और आधुनिक सैन्य वाहनों का किया प्रदर्शन

इसके बाद सेना के यांत्रिक विभाग के मार्चिंग दस्ते ने मार्च किया। सेना के टी-90 भीष्म टैंक, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और पिनाका मल्टी रॉकेट लॉन्चर, आकाश मिसाइल प्रणाली और आधुनिक सैन्य वाहनों का प्रदर्शन किया गया। लाइट स्पेशलिस्ट वाहन बजरंग, वाहन माउंटेड इन्फेंट्री मोर्टार सिस्टम एरावत, त्वरित प्रतिक्रिया वाहन नंदीघोष ने भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया।

भारतीय सेना के इन मार्चिंग दस्तों ने की शिरकत

मार्चिंग दस्ते में सेना की ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सिग्नल कोर की टुकड़ियां शामिल रहीं। भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 जवान शामिल हुए, जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया ने किया और लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र प्लाटून कमांडर थे। नौसेना की झांकी भी कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित की गई, जिसमें नौसेना के विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर सहित हाल ही में शामिल किए गए स्वदेशी अत्याधुनिक लड़ाकू जहाजों को भी प्रदर्शित किया गया। इस झांकी के जरिए स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में भारत के तेज विकास को दर्शाया गया।

वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने किया फ्लाइपास्ट

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में चार अधिकारी और 144 जवान शामिल हुए। वायुसेना की टुकड़ी का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती ने किया। इसके बाद वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग-29 ने फ्लाइपास्ट किया और ‘बाज फॉर्मेशन’ का प्रदर्शन किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी झांकी में देश में विकसित कई स्वदेशी सैन्य प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया। डीआरडीओ की झांकी में हवा में मार करने वाली मिसाइल, प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली, आर्टिलरी गन प्रणाली और ड्रोन का पता लगाने, रोकने और नष्ट करने वाली प्रणाली का प्रदर्शन शामिल था।

परेड के दौरान उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार अरुध्रा, उन्नत हल्के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धराशक्ति, लेजर आधारित हथियार, वायु रक्षा प्रणाली और मानव रहित हवाई प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया। पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित प्रलय मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया गया।