उन शहरों को मिलेगी प्राथमिकता, जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं

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एस एन वर्मा

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए एक बस योजना पीएम-ईबस सेवा को मंजूरी दे दी है, जिसके माध्यम से 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी, जिसमें केंद्रशासित प्रदेशों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों की सभी राजधानी शामिल हैं। इस योजना के तहत उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इस योजना के तहत, सिटी बस संचालन में लगभग 10,000 बसें चलाई जाएंगी, जिससे 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।

इस योजना के दो खंड हैं। पहला 169 शहरों में सिटी बस सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। स्वीकृत बस योजना के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा।

दूसरा 181 शहरों मंे ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के बस संेवा चलायी जाएगी।
इस योजना में बस की प्राथमिकता, बुनियादी सुविधा, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाएं, एनसीएमसी-आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, चार्जिंग हेतु बुनियादी सुविधाएं आदि जैसी हरित पहल की परिकल्पना की गई है।

संचालन के लिए सहायता योजना के तहत, राज्य अथवा नगर इन बस सेवाओं के संचालन और बस ऑपरेटरों को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे। केंद्र सरकार प्रस्तावित योजना में निर्दिष्ट सीमा तक सब्सिडी प्रदान करके इन बस संचालन का समर्थन करेगी।