केंद्र ने कोविड-19 के मद्देनजर लोगों से आपसी संपर्क के समय एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखने और प्रवासी श्रमिकों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करने संबंधी परामर्श जारी किया है। केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को लिखे पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्यों से कहा है कि वे 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी, खेतीहर मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य मजदूरों के खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। राज्यों को विद्यार्थियों और अन्य राज्यों से आई कामकाजी महिलाओं को अपने मौजूदा आवास में रहने की अनुमति देने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी गई है।
स्थिति से निपटने के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, खासतौर पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के कार्य में राज्यों और एन जी ओ सहित तमाम एजेंसियों की मदद लेने के लिए कदम उठाने का भी परामर्श दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे नाजुक तबकों के लोगों को सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दें। ऐसे लोगों को मुफ्त भोजन, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये वितरित किये जाने वाले सामान के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
केंद्र ने प्रवासी कामगारों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त प्रबन्ध करने का परामर्श जारी किया
केंद्र ने कोविड-19 के मद्देनजर लोगों से आपसी संपर्क के समय एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखने और प्रवासी श्रमिकों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करने संबंधी परामर्श जारी किया है। केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को लिखे पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्यों से कहा है कि वे 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी, खेतीहर मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य मजदूरों के खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। राज्यों को विद्यार्थियों और अन्य राज्यों से आई कामकाजी महिलाओं को अपने मौजूदा आवास में रहने की अनुमति देने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी गई है।
स्थिति से निपटने के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, खासतौर पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के कार्य में राज्यों और एन जी ओ सहित तमाम एजेंसियों की मदद लेने के लिए कदम उठाने का भी परामर्श दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे नाजुक तबकों के लोगों को सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दें। ऐसे लोगों को मुफ्त भोजन, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये वितरित किये जाने वाले सामान के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
केंद्र ने प्रवासी कामगारों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त प्रबन्ध करने का परामर्श जारी किया
केंद्र ने कोविड-19 के मद्देनजर लोगों से आपसी संपर्क के समय एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखने और प्रवासी श्रमिकों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करने संबंधी परामर्श जारी किया है। केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को लिखे पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्यों से कहा है कि वे 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी, खेतीहर मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य मजदूरों के खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। राज्यों को विद्यार्थियों और अन्य राज्यों से आई कामकाजी महिलाओं को अपने मौजूदा आवास में रहने की अनुमति देने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी गई है।
स्थिति से निपटने के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, खासतौर पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के कार्य में राज्यों और एन जी ओ सहित तमाम एजेंसियों की मदद लेने के लिए कदम उठाने का भी परामर्श दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे नाजुक तबकों के लोगों को सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दें। ऐसे लोगों को मुफ्त भोजन, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये वितरित किये जाने वाले सामान के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
केंद्र ने प्रवासी कामगारों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त प्रबन्ध करने का परामर्श जारी किया
केंद्र ने कोविड-19 के मद्देनजर लोगों से आपसी संपर्क के समय एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखने और प्रवासी श्रमिकों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करने संबंधी परामर्श जारी किया है। केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को लिखे पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्यों से कहा है कि वे 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी, खेतीहर मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य मजदूरों के खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। राज्यों को विद्यार्थियों और अन्य राज्यों से आई कामकाजी महिलाओं को अपने मौजूदा आवास में रहने की अनुमति देने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी गई है।
स्थिति से निपटने के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, खासतौर पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के कार्य में राज्यों और एन जी ओ सहित तमाम एजेंसियों की मदद लेने के लिए कदम उठाने का भी परामर्श दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे नाजुक तबकों के लोगों को सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दें। ऐसे लोगों को मुफ्त भोजन, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये वितरित किये जाने वाले सामान के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
केंद्र ने प्रवासी कामगारों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त प्रबन्ध करने का परामर्श जारी किया
केंद्र ने कोविड-19 के मद्देनजर लोगों से आपसी संपर्क के समय एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखने और प्रवासी श्रमिकों तथा विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करने संबंधी परामर्श जारी किया है। केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को लिखे पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्यों से कहा है कि वे 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी, खेतीहर मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य मजदूरों के खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। राज्यों को विद्यार्थियों और अन्य राज्यों से आई कामकाजी महिलाओं को अपने मौजूदा आवास में रहने की अनुमति देने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी गई है।
स्थिति से निपटने के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, खासतौर पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के कार्य में राज्यों और एन जी ओ सहित तमाम एजेंसियों की मदद लेने के लिए कदम उठाने का भी परामर्श दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे नाजुक तबकों के लोगों को सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दें। ऐसे लोगों को मुफ्त भोजन, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये वितरित किये जाने वाले सामान के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है कि होटल, किराये वाले निवास स्थान और होस्टल अपना काम करते रहें और जरूरी चीजों के वितरण को सुचारू बनाया जाये ताकि विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं और इसी तरह के अन्य लोगों को आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती रहें।