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मानव संसाधन विकास मंत्री को बधाईयों का सिलसिला जारी

AMN / NEW DELHI

सोमवार को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम बिल को राज्यसभा से पास होने के बाद से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को बधाई देने का सिलसिला जारी है. संस्कृत प्रेमी इस बिल को ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं.

ग़ौरतलब है के बिल पर लंबी चर्चा के बाद केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम बिल 2020 सदन में पास हो गया. पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में चर्चा के बाद बिल पास होने के बाद राज्यसभा में पटल पर रखा गया था. जहाँ लंबी चर्चा हुई. इस दौरान विपक्षी और साथी दलों के सदस्यों द्वारा बिल पर कई सवाल भी पूछे गये और कई सदस्यों ने अपनी चिंताएं भी जताई. जिसपर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सदस्य गणों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी चिंताएं दूर की. इस विधेयक का उद्देश्य संस्कृत पढ़ाने वाले विश्वविद्यालयों का उन्नयन करना है-

राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नईदिल्ली और तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलेगा.

सदस्यों के सवालों के जवाब देने के बाद राज्यसभा के उपसभापति महोदय ने बिल पर वोटिंग करवाई. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम बिल राज्यसभा में ध्वनिमत से पास हो गया. बिल के पास होते ही तीन विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना तय हो गया है.माननीय राष्ट्रपति की सहमति मिलते ही तीनों मानद विश्वविद्यालय केंद्रीय संस्कृत विश्विद्यालय का दर्जा प्राप्त होजाएगा।

बिल पास होने के बाद कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को बधाई दी. सोमवार को बिल पास होने के बाद मंगलवार को प्रोफेसर परमेश्वरनारायण शास्त्री (कुलपति राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान-नई दिल्ली), प्रोफेसर रमेश कुमार पाण्डेय कुलपति (श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय विद्यापीठ-नई दिल्ली), रमाकान्त गोस्वामी महामंत्री (अखिल भारतीय संस्कृत साहित्य सम्मेलन-नई दिल्ली) और प्रोफेसरसुब्रह्मण्य शर्मा (कुलसचिवराष्ट्रिय संस्कृत संस्थान-नई दिल्ली) ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल के दफ्तर जाकर उनसे मुलाक़ात की और उन्हें इस बिल को पास करवाने पर बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया. राज्यसभा में इस बिल के पास हो जाने के बाद देश में तीन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों को मान्यता दी गयी.

सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यसभा में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम बिल पेश किया था. जहाँ बिल पर चर्चा के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हम सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने के पक्षधर हैं. हम प्रत्येक भारतीय भाषा के ज्ञान के भंडार का उपयोग करेंगे. इन तीन विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, ‘यदि संस्कृत सशक्त होगी तो सभी भारतीय भाषाएं भी सशक्त होंगी. आगे मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि संस्कृत साहित्य का सबसे बड़ा भंडार और भारत की ऐसी अमूल्य धरोहर है, जिसकी एक अलग पहचान है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने समूचे विश्व को संस्कृत के माध्यम से ज्ञान दिया

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