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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमला भारत की नारी शक्ति को चुनौती थी और यह इस हमले की साजिश करने वालों के लिए मौत का संदेश साबित हुआ है। भोपाल में आयोजित जनसभा में श्री मोदी ने कहा कि भारत किसी भी तरह का परोक्ष युद्ध बर्दाश्‍त नहीं करेगा और ऐसी किसी भी आतंकी कार्रवाई से सख्‍ती से निपटा जाएगा।

प्रधानमंत्री भोपाल के जम्‍बूरी मैदान में लोकमाता देवी अहिल्‍या बाई की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्‍तीकरण महासम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि सिंदूर भारत की वीरता का प्रतीक बन गया है। आतंकवादियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी, लेकिन यही चुनौती उनके लिए और उनके आकाओं के लिए घातक साबित हुई। हमारी सेना ने सैकड़ों किलोमीटर भीतर जाकर आतंकी ठिकानों को ध्‍वस्‍त कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर देश के इति‍हास में अब तक की सबसे बड़ी सफलता है।



 देश के एक सौ चालीस करोड़ लोगों ने स्‍पष्‍ट संदेश दिया है कि अब अगर गोली चली तो जवाब गोले से दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि अब हम आतंकवादियों और उनकी मदद करने वालों को घर में घुसकर मारेंगे। सरकार की जनकल्‍याण योजनाओं का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार लोकमाता अहिल्‍याबाई के नागरिक देवो भव: मत्र को भी शासन में अपना रही है। हमारी सरकार महिला नेतृत्‍व में विकास के दृष्टिकोण को मुख्‍य आधार बना रही है। सरकार की हर बड़ी योजना में महिलाओं की भूमिका मुख्‍य है।

उन्‍होंने कहा कि अहिल्‍याबाई होल्‍कर ने हमेशा सुशासन पर बल दिया। उन्‍होंने गरीबों के लिए भोजन की व्‍यवस्‍था करने के साथ ही शिक्षा पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ढाई सौ से तीन सौ वर्ष पहले जब भारत दासता की जंजीरों में बंधा था तभी उन्‍होंने इतना महान कार्य किया, जिसे आज भी याद किया जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि लोकमाता अहिल्‍याबाई ने कभी भी प्रभुसेवा और जनसेवा में अंतर नहीं किया। देवी अहिल्‍याबाई इस तथ्‍य का प्रमाण हैं कि इच्‍छाशक्ति और सच्‍ची लग्‍न से कैसी भी विपरीत स्थिति में वांछित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते हैं। 



प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उस दौर से निकल चुका है जब महिलाओं को आधुनिक टैक्‍नोलॉजी से दूर रखा जाता था। अब महिलाएं नमो ड्रोन दीदी अभियान जैसी पहल के जरिये कृषि प्रौद्योगिकी में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, जिससे उनका मनोबल और आय बढ़े हैं। श्री मोदी ने कहा कि अब काफी ज्‍यादा महिलाएं विज्ञान, इंजीनियरी, चिकित्‍सा और विमानन के क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि सौ से ज्‍यादा महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में योगदान किया था।



प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले समाज में महिलाओं को चिकित्‍सा जैसी मूल सुविधाओं से वंचित रखा जाता था, लेकिन आयुष्‍मान भारत योजना से उन्‍हें पांच लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्‍ध कराया जा रहा है।



श्री मोदी ने कहा कि नल से जल, बिजली, रसोई गैस कनेक्‍शन, बैंक खाते और शौचालय जैसी मूल सुविधाएं उपलब्‍ध कराने की योजनाओं का उल्‍लेख किया, जिनसे महिलाओं को सुविधा मिलने लगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में श्री मोदी ने बताया कि गरीबों के लिए चार करोड़ से ज्‍यादा आवास बनाये गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पंजीकृत हैं।

लोकमाता देवी अहिल्‍याबाई होल्‍कर को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी नेतृत्‍व क्षमता और शिक्षा तथा जनकल्‍याण के क्षेत्रों में योगदान की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि वे प्रभुसेवा और जनसेवा में कोई अंतर नहीं करती थीं।



इस आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने इंदौर मेट्रो के पहले चरण, सतना और दतिया हवाई अड्डों सहित कई बुनियादी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। दतिया हवाई अड्डा साठ करोड़ की लागत से 124 एकड़ में बनाया जाएगा, जबकि सतना हवाई अड्डे पर 37 करोड़ खर्च होंगे।



श्री मोदी ने एक हजार दो सौ 71 अटल ग्राम सेवा सदनों के निर्माण की पहली किस्‍त भी जारी की। इनसे ग्राम पंचायतों के लिए स्‍थायी कार्यालय बन सकेंगे और अटल ग्राम सुशासन भवन भी बनाये जा सकेंगे।



देवी अहिल्‍याबाई होल्‍कर के सम्‍मान में एक स्‍मारक डाक टिकट और तीन सौ रूपये सिक्‍का भी जारी किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने संस्‍कृतिक विभाग की ओर से सुशासन, महिला स‍शक्तीकरण, संस्‍कृति पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

भोपाल पहुंचने पर श्री मोदी का भव्‍य स्‍वागत किया गया। राजाभोज हवाई अड्डे पर विधानसभा अध्‍यक्ष नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री की आगवानी की। आयोजन स्‍थल पर राज्‍यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्‍यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री का स्‍वागत किया।

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