स्वच्छोत्सव: शहरी स्वच्छता में नेतृत्व करने वाली 400,000 से अधिक अधिक महिला उद्यमियों के लिए अभियान

शहरी भारत खुले में शौच  (ओडीएफ) से मुक्त हुआ

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एस एन वर्मा / नई दिल्ली

केन्द्रीय शहरी आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा है कि अक्तूबर 2024 तक देश के 1,000 शहरों को 3 सितारा कचरा मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।श्री पुरी नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। शहरी स्थानीय निकायों में स्पर्धा भाव और मिशन मोड की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए जनवरी 2018 में प्रारंभ किए गएजीएफसी- स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल की प्रगति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके प्रारंभ होने के समय से ही प्रमाणीकरण में काफी तेजी आई है।

देशभर के स्वच्छता दूतों से बातचीत करते हुए मंत्री महोदय ने उन्हें अपने समुदाय में परिवर्तनकारी बनने तथा नेता होने के लिए और चुनौतियों को आजीविका अवसरों में बदलने के लिए उन्हें बधाई दी।

श्री  पुरी ने मिशन की उपलब्धियों के बारे में कहा कि शहरी भारत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो गया है। सभी 4,715 शहरी, स्थानीय निकाय (यूएलबी) पूरी तरह ओडीएफ हैं, 3,547 से भी यूएलबी ओडीएफ$संचालनरत और स्वच्छ सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के साथ ओडीएफ हैं तथा 1,191 यूएलबी संपूर्ण मल कीचड़ प्रबंधन के साथ ओडीएफ$$ हैं। इसके अतिरिक्त भारत ने अपशिष्ट प्रसंस्करण 2014 के 17 प्रतिशत की तुलना में चार गुणा बढ़कर आज 75 प्रतिशत हो गया है। इसे 97 प्रतिशत वार्डों में 100 प्रतिशत डोर टू डोर कचरा संग्रहण तथा देश के सभी यूएलबी में लगभग 90 प्रतिशत वार्डों में नागरिकों द्वारा कचरे के स्रोत को अलग-अलग करने से हुआ है।

श्री पुरी ने विश्वास व्यक्त किया कि एसबीएम-यू के लक्ष्यों को प्राप्त करने में दिखाए गए संकल्प तथा दृढ़ संकल्प मिशन के दूसरे चरण में (एसबीएम-यू 2.0) में कई गुणा बढ़ जाएंगे। जहां भारत का लक्ष्य कचरा मुक्त देश बनना है। उन्होंने देश में कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आज की “कचरा मुक्त शहर” रैली के महत्व को बताया, क्योंकि उपभोग पैटर्न में बदलाव तथा तेजी से शहरीकरण अपशिष्ट उत्पादन को बढ़ाता है।

स्वच्छता एक जन-आंदोलन है जिसे नागरिकों को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। मिशन ने शहरों के स्वच्छ, हरित तथा कचरा मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में देश भर के लाखों नागरिकों को सक्रिय किया है। अभियानों में युवा और महिला नेताओं की बड़े पैमाने पर भागीदारी देखी गई है, जिन्होंने शहरी स्वच्छता की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए हैं। शहरों को कचरा मुक्त बनाने के प्रयासों को केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा स्वच्छोत्सव 2023 के शुभारंभ से नया प्रोत्साहन मिला है।

अभियान ने कचरा मुक्त शहरों के लक्ष्यों को साकार करने के लिए महिलाओं की भागीदारी तथा नेतृत्व को बढावा देने का प्रयास किया है। 8 मार्च,023 से शहरों में कार्यक्रमों और गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की गई है ताकि महिलाओं को जीवन के विभिन्न भागों से कचरा मुक्त शहरो के निर्माण की ओर ले जाया जा सके। स्वच्छोत्सव अभियान शहरी स्वच्छता में नेतृत्व की भूमिका निभाने वाली 400,000 से अधिक महिला उद्यमियों के लिए एक मंच थाअनूठी यात्रा और मसाल मार्च में भाग लेकर महिलाओं ने शहरीकरण की जिम्मेदारी ली और शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए अग्रणी रूप में नेतृत्व किया।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने समग्र स्वच्छता तथा अपशिष्ट प्रबंधन के ईको-सिस्टम की दिशा में भारत को एक नए मार्ग पर लाकर कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) बनाने के विजन के साथ स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का शुभारंभ किया था डोर टू डोर संग्रहण, स्रोत पृथकीकरण, अपशिष्ट प्रसंस्करण तथा डंप साइट उपचार, आईईसी, क्षमता निर्माण, डिजिटल ट्रेकिंग आदि को प्रोत्साहित करना जीएफसी बनाने के घटक हैं। भारत शून्य अपशिष्ट दृष्टिकोण को भी बढ़ावा दे रहा है, जो एक बंद सर्कुलर प्रणाली में जिम्मेदार उत्पादन उपभोग तथा और उत्पादों के निपटान पर बल देता है। मंत्री महोदय ने कचरा मुक्त शहरों के लिए इस रैली की सराहना की, जिसमें लाखों नागरिकों ने अपनी सड़कों, पास-पड़ोस के स्थानों तथा पार्कों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी ली है।