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WEB DESK

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है. चौहान ने ऐलान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासकीय नौकरियां मध्यप्रदेश के ही स्थानीय लोगों को मिलेंगी.

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के नागरिकों के लिए ‘सिंगल सिटीजन डाटाबेस’ तैयार कर रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को हर योजना के लिए अलग-अलग पंजीयन नहीं कराना पड़े।

देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में ध्वजारोहण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ”मध्यप्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा, ” जब नौकरियों के अवसरों का अभाव है, ऐसे समय में राज्य के युवाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है।

10वीं, 12वीं के अंकों के आधार पर मिलेगी नौकरी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ”सरकारी भर्तियों के लिए अभियान चलाया जाएगा, साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। विद्यार्थियों को 10 वीं एवं 12 वीं की अंकसूची के आधार पर नियोजित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए काम कर रही है। भोपाल में सिंगापुर की सहायता से लगभग 600 करोड़ रुपए की लागत से एक कौशल विकास केन्द्र बनाया जा रहा है।

चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश के 15 लाख प्रवासी मजदूर वापस प्रदेश लौट आए हैं। प्रवासी मज़दूरों को उनके निवास स्थान के समीप रोजगार मुहैया करने के उद्देश्य से घर-घर जा कर सर्वेक्षण कर 14 लाख से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए। अब तक 2,400 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मजदूरी के रूप में श्रमिकों के खातों में अंतरित की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत किए जाने के संबंध में सरकार पूरी मजबूती के साथ न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रख रही है।

चौहान ने कहा कि जब (23 मार्च 2020 को) उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला था, तब प्रदेश में कोविड-19 की जांच के लिए केवल एक प्रयोगशाला थी और अन्य व्यवस्थाओं का भी अभाव था। उन्होंने कहा, ” इसके बाद हमारी सरकार ने महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया।

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