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वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी में छह दशमलव चार प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा आज जारी चालू वित्त वर्ष के लिए वार्षिक जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार, नाममात्र जीडीपी में नौ दशमलव सात प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है। पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान आठ दशमलव दो प्रतिशत था, जबकि नाममात्र जीडीपी वृद्धि दर नौ दशमलव छह प्रतिशत अनुमानित की गई थी।

मंत्रालय ने कहा कि वास्तविक सकल मूल्य वर्धित-जीवीए वित्त वर्ष 2023-24 में सात दशमलव दो प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में छह दशमलव चार प्रतिशत बढ़ा है। नाममात्र जीवीए ने पिछले वित्त वर्ष की आठ दशमलव पांच प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में नौ दशमलव तीन प्रतिशत की वृद्धि दर दिखाई है।

अनुमानों में बताया गया है कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र का वास्तविक जीवीए तीन प्रतिशत आठ प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के एक दशमलव चार प्रतिशत से अधिक है। निर्माण क्षेत्र और वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवा क्षेत्र में भी अच्‍छी वृद्धि होने की उम्मीद है। निर्माण क्षेत्र का वास्तविक जीवीए आठ दशमलव छह प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। इसी तरह, वित्तीय, रियल स्टेट और व्यावसायिक सेवा क्षेत्र में सात दशमलव तीन प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

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