त्री नगर की डिस्पेन्सरी अशोक विहार शिफ़्ट 

इंद्र वशिष्ठ, 

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने लोगों को उनके घर के पास ही चिकित्सा सुविधा/इलाज उपलब्ध कराने के लिए मोहल्ला क्लीनिक खोलें हैं।

दूसरी ओर भाजपा सरकार त्री नगर की सीजीएचएस डिस्पेन्सरी को अशोक विहार में स्थानांतरित कर चिकित्सा सुविधाओं को सीजीएचएस लाभार्थियों/सरकारी कर्मचारियों से दूर कर उनके लिए समस्या पैदा कर रही हैं। 

संवेदनहीन नौकरशाही-

भाजपा सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह, लोगों खासकर बुजुर्गों/मरीजों के प्रति कितने संवेदनहीन और अमानवीय है इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली में त्री नगर स्थित सीजीएसएस की डिस्पेन्सरी को यहां से अशोक विहार स्थानांतरित किया जा रहा है। लगभग पांच दशक से त्री नगर के ओंकार नगर इलाके में सीजीएचएस की यह डिस्पेन्सरी है। यह डिस्पेन्सरी किराये की इमारत में है। अगर डिस्पेन्सरी को स्थानांतरित करना बहुत ही जरूरी है, तो उसे त्री नगर में ही किसी दूसरी इमारत में स्थानांतरित किया जा सकता है। लेकिन त्री नगर की डिस्पेन्सरी को यहां से कई किलोमीटर दूर अशोक विहार में स्थानांतरित किया जाना किसी भी तरह सही/तर्क संगत / व्यवहारिक नहीं है। अशोक विहार में सीजीएचएस की एक डिस्पेन्सरी पहले से ही है। उसी इमारत की पहली मंजिल पर त्री नगर की डिस्पेन्सरी को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। 

डिस्पेन्सरी को दूसरे इलाके में स्थानांतरित किए जाने से त्री नगर के सीजीएचएस लाभार्थियों, खासकर सेवानिवृत्त बुजुर्गों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, इसका अंदाजा वरिष्ठ अफसरों यानी नौकरशाहों को बिल्कुल भी नहीं है। वरना वह इस तरह का अमानवीय/ संवेदनहीन और अव्यवहारिक कदम नहीं उठाते। 

बुजुर्गों पर पहाड़ टूट जाएगा-

त्री नगर की डिस्पेन्सरी को अशोक विहार स्थानांतरित किए जाने से मरीजों, खासकर बुजुर्गों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। बुजुर्गों को शारीरिक/ मानसिक रूप से तो कष्ट होगा ही, इसके अलावा रिक्शा से एक बार अशोक विहार डिस्पेन्सरी आने जाने में ही उन्हें कम से कम सौ रूपये खर्च करने पड़ेगें। मरीजों को इलाज/ दवा  के लिए एक महीने में कई- कई बार डिस्पेन्सरी जाना  पड़ता है। ऐसे में उन पर आर्थिक रूप से बहुत बोझ पड़ेगा। असुविधा के साथ ही समय अलग बर्बाद होगा। 

हर्षवर्धन का सराहनीय कार्य-

त्री नगर स्थित इस डिस्पेन्सरी को कुछ साल पहले भी बंद करने की कोशिश नौकरशाही ने की थी। लेकिन तत्कालीन क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन ने डिस्पेन्सरी को बंद नहीं करने दिया। तब भाजपा से जुड़े लोगों ने मंत्री से कहा था, कि कांग्रेस के राज में तो डिस्पेन्सरी बंद या स्थानांतरित नहीं हुई और अब हमारे (भाजपा) राज में ऐसा हो रहा है। 

त्री नगर में ही वर्धमान वाटिका के साथ ही  नगर निगम की इमारत में बुजुर्गों के लिए मनोरंजन केंद्र बनाया गया था, जो बंद पड़ा रहता है। वर्धमान पार्क के साथ ही समुदाय भवन भी है। इनमें किसी भी इमारत की किसी मंजिल को सीजीएचएस किराये पर लेकर वहां डिस्पेन्सरी स्थानांतरित कर सकते है। इसके अलावा इलाके में खोजने पर डिस्पेन्सरी के लिए और भी बिल्डिंग/ इमारत किराये पर मिल सकती हैं। डीडीए से इस इलाके में ही जमीन लेकर उस पर सीजीएचएस डिस्पेन्सरी के लिए इमारत बनाई जा सकती है।